नई दिल्ली। इस बार के बजट में टैक्सपेयर्स को 8 साल बाद राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन क्या आपको पता है एक समय ऐसा भी था जब देश में विवाहित और अविवाहितों के लिए अलग-अलग इनकम टैक्स स्लैब था। साल 1955 के यूनियन बजट में विवाहित और अविवाहितों के लिए अलग इनकम टैक्स स्लैब […]
नई दिल्ली। इस बार के बजट में टैक्सपेयर्स को 8 साल बाद राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन क्या आपको पता है एक समय ऐसा भी था जब देश में विवाहित और अविवाहितों के लिए अलग-अलग इनकम टैक्स स्लैब था। साल 1955 के यूनियन बजट में विवाहित और अविवाहितों के लिए अलग इनकम टैक्स स्लैब था। उस समय के वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने इस बजट को पेश किया था।
साल 1955-56 के यूनियन बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री देशमुख ने योजना आयोग की सिफारिशों के आधार पर विवाहित लोगों के लिए 1500 रुपये का मौजूद टैक्स एग्जेंप्ट स्लैब बढ़ाकर 2000 रुपए करने का ऐलान किया था। वही अविवाहितों के लिए इसे घटाकर 1000 रुपए करने की घोषणा की गई थी। बजट में 90 लाख अपने रेवेन्यू के नेट लॉस का अनुमान व्यक्त किया गया था। बता दें, 1950 के दशक में वेल्थ टैक्स की शुरुआत की गई थी। इसी के साथ इनकम टैक्स पर अधिकतम दरों को पांच आना (30 पैसे) से घटाकर चार आना (25 पैसे) कर दिया गया था। इसके अलावा इसी समय में बजट को हिंदी में छापा गया था। इसके बाद से एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट का हिंदी वर्जन और एक्सप्लेनेटरी मेमोरेंड जारी किया जाता है।
आजाद भारत के इतिहास में अब तक 34 वित्त मंत्री बन चुके हैं। वर्तमान में पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत के वित्तीय सेहत की जिम्मेदारी उठा रही हैं। बतौर फाइनेंस मिनिस्टर इस साल(2023) उनका पांचवा बजट भाषण होगा। वित्त मंत्री 1 फरवरी 2023 को संसद में सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगी। इस बार के बजट में टैक्सपेयर्स को 8 साल बाद राहत मिलने की उम्मीद है।
Budget 2023: इस वित्त मंत्री ने दिया था सबसे लंबा बजट भाषण