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Budget 2023: किसके नाम है भारत में सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड ?

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ये मोदी सरकार का आखिरी बजट माना जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए बजट पेश करेंगी। ये वित्त मंत्री के रूप में सीतारमण का लगातार 5वां बजट होगा। […]

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Budget 2023: किसके नाम है भारत में सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड ?
  • January 30, 2023 6:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ये मोदी सरकार का आखिरी बजट माना जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए बजट पेश करेंगी। ये वित्त मंत्री के रूप में सीतारमण का लगातार 5वां बजट होगा। वहीं इस खबर में हम आपको बताएंगे 10 बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री के बारे में।

सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले नेता

सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले नेताओं में मोरारजी देसाई का नाम सबसे पहले आता है। ये मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक बने हैं। वह कई साल तक उप प्रधानमंत्री भी रहे चुके हैं। इस दौरान उनके पास वित्त मंत्रालय का लंबे समय तक पद रहा। देसाई जवाहर लाल नेहरू की सरकार में ही वित्त मंत्री बने थे और वह इंदिरा गांधी के समय भी इस पर पद पर बने रहे थे। मोराजी देसाई के खाते में 10 बार बजट पेश करने का इतिहास है। इनमें 8 पूर्ण बजट और 2 अंतरिम बजट शुमार है।

भारत की किस्मत बदलने वाला वित्त मंत्री

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम के बिना बजट का इतिहास कुछ अधूरा सा रह जाता है। प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री चुने गए थे और भारत में उन्होंने ही आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की थी। आज अगर भारत की गिनती दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में होती है, तो इसका श्रेय जाता है 1991 के ऐतिहासिक बजट को।

पहला बजट किसने पेश किया ?

भारत की आजादी के बाद RK Shanmukham Chetty को वित्त मंत्री बनाया गया, ये भारत के पहले वित्त मंत्री है। 26 नवंबर 1947 को उन्होंने भारत का पहला बजट पेश किया था। वो केवल 7 महीने ही इस पद पर रहे। बता दें, आजाद भारत के पहले बजट में कोई नया टैक्स प्रस्ताव भी नहीं था। उनके बाद John Mathai भारत के दूसरे वित्त मंत्री बने थे और इनके कार्यकाल में यानी 1949 के बजट में पहली बार योजना आयोग और पंचवर्षीय योजना का जिक्र किया गया। जब 1951 में तीसरे वित्त मंत्री CD Deshmukh के कार्यकाल में बजट पेश हुआ तो पहली बार हिन्दी में प्रिंटिंग हुई थी, उससे पहले तक भारत का बजट सिर्फ अंग्रेजी में प्रिंट हुआ करता था।

 

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