बजट 2018: 1 फरवरी को पेश होगा आम बजट, समझने के लिए जान लीजिए इन शब्दों का मतलब

1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली केंद्रीय बजट पेश करेंगे. लेकिन अक्सर आम लोगों को इसे समझने में काफी परेशानी होती है. इसके लिए वित्तीय वर्ष, पूंजीगत परिसंपत्ति जैसे कुछ खास शब्दों की समझ होना जरूरी है. जिससे कि वह बजट को बेहतर तरीके से समझ सकें.

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बजट 2018: 1 फरवरी को पेश होगा आम बजट, समझने के लिए जान लीजिए इन शब्दों का मतलब

Aanchal Pandey

  • January 30, 2018 6:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाना है. ऐसे में बजट को लेकर कई ऐसे शब्दों का प्रयोग होता है जिन्हें हर कोई आम इंसान आसानी से नहीं समझ पाता जबकि ये सभी शब्द उसकी आमदनी, व्यापार और पैसे से संबंधित होते हैं.

Financial year ( वित्तीय वर्ष): इसका मतलब होता है वित्तीय साल जो कि 1 अप्रैल से शुरु होकर 31 मार्च तक जारी रहता है.

Exemption (छूट): अपनी तनख्वाह से कर भरने वालों की वह इनकम एक्जेंपशन कहलाती है जो कि टैक्स के दायरे में नहीं आती. यानी जिसपर कोई कर नहीं लगता.

Assessee: हर वह व्यक्ति जो कि इनकम टैक्स एक्ट के तहत टैक्स भरने के लिए उत्तरदायी होता है वह Assessee कहलाता है.

Assessment Year (निर्धारण वर्ष): यह किसी वित्तीय वर्ष का अगला साल होता है जो कि निर्धारण साल होता है. यानी अगर 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2016 तक वित्तीय वर्ष है तो ऐसे में कर निर्धारण वर्ष 1 अप्रैल 2016 से लेकर 31 मार्च 2017 तक होगा.

Capital Gains (पूंजीगत लाभ) : पूंजीगत एसेट्स को बेचने या लेन-देने से होने वाला फायदे को कैपिटल गेंस या पूंजीगत लाभ कहा जाता है.

Short Term Capital Assets: कम समय के पूंजीगत एसेट्स को 36 माह से कम समय के लिए रखा जाता है. जबकि सिक्योरिटी, शेयर और बॉन्ड जैसी चीजों के मामले में ये समय सीमा 36 की बजाय 12 माह की हो जाती है.

Capital Asset (पूंजीगत परिसंपत्ति): जब कोई अपने व्यापार या किसी अन्य कारण से  किसी चीज में निवेश करता है या कोई खरीदारी करता है तो इस रकम से खरीदी गई प्रॉपर्टी पूंजीगत परिसंपत्ति यानी कैपिटल एसेट कहलाती है.

Fiscal deficit (राजकोषीय घाटा): केंद्र सरकार की कुल आमदनी और व्यय के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है. जिससे की आंकलन होता है कि सरकार को देश चलाने के लिए कितने उधार की आवश्यकता है. बता दें कि कुल राजस्व के हिसाब के लिए उधार को शामिल नहीं किया जाता है.

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