BSP ने दिया केंद्र को समर्थन, UCC के खिलाफ नहीं… बोलीं मायावती

लखनऊ: संसद के मानसून सत्र से पहले देश भर में UCC यानी समान नागरिक संहिता को लेकर सियासत तेज है. धीरे-धीरे सभी पार्टियां अपना रुख स्पष्ट कर रही हैं जिसे लेकर विपक्षी दलों की एकता भी चरमराई नज़र आ रही है. आम आदमी पार्टी और सुभासपा के बाद अब मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी […]

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BSP ने दिया केंद्र को समर्थन, UCC के खिलाफ नहीं… बोलीं मायावती

Riya Kumari

  • July 2, 2023 12:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

लखनऊ: संसद के मानसून सत्र से पहले देश भर में UCC यानी समान नागरिक संहिता को लेकर सियासत तेज है. धीरे-धीरे सभी पार्टियां अपना रुख स्पष्ट कर रही हैं जिसे लेकर विपक्षी दलों की एकता भी चरमराई नज़र आ रही है. आम आदमी पार्टी और सुभासपा के बाद अब मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने भी UCC पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.

क्या बोलीं बसपा प्रमुख?

बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेस वार्ता में बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनकी पार्टी में समान जागरिक संहिता को लेकर विरोध की भावना नहीं है. रविवार को उन्होंने मीडिया से कहा कि “हमारी पार्टी (बसपा) यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश कर रही है, हम उसका समर्थन नहीं करते हैं। इस पर राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है।” इस मुद्दे को उठायें और देश में यूसीसी को मजबूती से लागू करें”

UCC को जानें

गौरतलब है कि सामान नागरिक संहिता का अर्थ सभी धर्मों के लिए एक ही कानून व्यवस्था से है. फिलहाल देश में कई धर्मों के पास उनका पर्सनल लॉ सिस्टम है जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियों के लिए कानून दिए गए हैं. यदि UCC लागू हो जाता है तो सभी धर्मों में रहने वाले लोगों के लिए शादी-तलाक जैसे मामलों को लेकर एक ही कानून होगा। ऐसे में सभी धर्मों के लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे. इसके तहत गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति का अधिकार से जुड़े कानूनों को भी शामिल किया गया है.

 

मानसून सत्र में होगा बवाल?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद से देश भर में सामान नागरिक संहिता को लेकर राजनीति तेज है जहां केंद्र सरकार भी जल्द ही UCC बिल संसद में पेश करने की तैयारी में है. जानकारी के अनुसार मोदी सरकार संसद के मॉनसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड का बिल संसद में पेश कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार ने मॉनसून सत्र में सामान नागरिक संहिता बिल को संसद में पेश करने की तैयारियां पूरी कर ली हैं. इस बिल को संसदीय समिति को भी भेजा जा सकता है.

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