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Britain: कनाडाई राजनयिकों को भारत से निकाले जाने के फैसले से ब्रिटेन असहमत

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच चल रही तनातनी पर ब्रिटेन ने एक बड़ा बयान दिया है। ब्रिटेन ने कहा है कि वह कनाडाई राजनयिकों को निकाले जाने के भारत के फैसले से असहमत है। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने शुक्रवार को कहा कि भारत के इस मूव से राजनयिक संबंधों पर […]

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Britain: कनाडाई राजनयिकों को भारत से निकाले जाने के फैसले से ब्रिटेन असहमत
  • October 21, 2023 9:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच चल रही तनातनी पर ब्रिटेन ने एक बड़ा बयान दिया है। ब्रिटेन ने कहा है कि वह कनाडाई राजनयिकों को निकाले जाने के भारत के फैसले से असहमत है।

विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने शुक्रवार को कहा कि भारत के इस मूव से राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के प्रभावी कामकाज पर असर पड़ा।

भारत के निर्णय से नहीं सहमत

“मतभेदों के समाधान के लिए संवाद और आपसी दूतों की निर्वाचनीय राजधानियों में होना आवश्यक होता है। हम उन निर्णयों से सहमत नहीं हैं जिनके परिणामस्वरूप कई कैनेडियन दूतावासी भारत छोड़ गए हैं, “एफसीडीओ ने अपनी घोषणा में कहा है।

विएना संधि के सिद्धांतों का दिया हवाला

विएना संधि के सिद्धांतों का हवाला देते हुए एफसीडीओ ने आगे कहा, “हम सभी राज्यों से 1961 विएना दूतावास द्वारा निर्धारित अपने दायित्वों का पालन करने की अपेक्षा करते हैं। दूतों की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए प्रदान करने वाले विशेषाधिकारों और छूटों के एकप्रतिपक्ष हटाना विएना संधि के सिद्धांतों या प्रभावी कामकाज के साथ मेल नहीं खाता है। हम भारत से कनाडा की हरदीप सिंह निज्जर की मृत्यु की स्वतंत्र जांच में साथ देने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे।”

भारत ने दिया जवाब

भारत के विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन के इस बयान का जवाब देते हुए कहा कि राजनयिक समानता का अमल करना अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, “हमारे द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, भारत में कनाडाई राजनयिकों की बढ़ी संख्या, और हमारे आंतरिक मामलों में उनके लगातार हस्तक्षेप नई दिल्ली और ओटावा में आपसी राजनयिक उपस्थिति में समानता की गारंटी देता है।”

ब्रिटेन के इस बयान के बाद अमेरिका ने भी कनाडा का समर्थन करते हुए कहा कि वे भारत से कनाडाई राजनयिकों के प्रस्थान से “चिंतित” हैं।

 

क्या है तनाव का कारण

भारत और कनाडा के बीच ये तनाव तब शुरू हुआ जब कनाडा के प्रधान मंत्री ट्रूडो ने पिछले महीने भारत पर आतंकवादी हरदीप सिंह की हत्या में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया। ट्रूडो ने कहा था कि खालिस्तान टाइगर फोर्स के नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल हैं। बता दें कि 45 साल का हरदीप सिंह निज्जर कनाडाई नागरिक था, जिसे भारत में आतंकवादी घोषित किया जा चूका था। इसी साल जून के महीने में मास्क पहने 2 आदमियों ने हरदीप की गोली मर कर हत्या कर दी।

बता दें कि ट्रूडो के इस बयान को भारत के विदेश मंत्रालय ने बेतुका और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया था।

कनाडा ने भारत पर फिर लगाया आरोप

भारत पर आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और कनाडा में लाखों लोगों के लिए सामान्य जीवन को भारत सरकार अविश्वसनीय रूप से कठिन बना रही है।

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