नई दिल्ली. मुजफ्फरपुर स्थित शेल्टर होम में बच्चियों संग हुए रेप का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मुजफ्फरपुर में 34 लड़कियों के साथ रेप मामले में गैर सरकारी संगठन (NGO) सेवा संकल्प एवं विकास समिति के संचालक ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ बिहार सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है. सरकार ने बृजेश ठाकुर का आर्म्स लाइसेंस रद्द कर दिया है. इस मामले को ध्यान में भारत की शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को इस मामले के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगने के लिए नोटिस जारी किया है. जानिए जानिए कौन है ब्रजेश ठाकुर, जिस पर लगा है शेल्ट होम की लड़कियों से रेप का आरोप…
बलात्कार के आरोपी ब्रजेश ठाकुर के जीवन पर करीब से नजर डालने से पता चलता है कि उसने अपने राजनीतिक दबदबे का इस्तेमाल कैसे अपने पर्सनल फायदे के लिए किया. ब्रजेश ठाकुर ने दो बार राजनीति में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन वो असफल रहा. गैंगस्टर से राजनीति में आए आनंद मोहन की बिहार पीपल्स पार्टी से ब्रजेश ठाकुर ने 1995 और 2000 में चुनाव लड़ा लेकिन वो हार गए. जब उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं पूरी नहीं हुई तो उन्होंने पिता के समाचार पत्र प्रात: कमल पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया.
वर्ष 1998 के आसपास, ठाकुर को एक प्रेस सूचना ब्यूरो मान्यता मिली जो बुधवार को रद्द कर दी गई है. इसके बाद उन्होंने 2012 में दो समाचार पत्र लॉन्च किए, हलात-ए-बिहार जो उर्दू भाषा में था और दूसरा News Next जो अंग्रेजी भाषा में था. अंग्रेजी अखबार द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने अपने बेटे और बेटी को इन समाचार पत्रों का संपादक बनाया.
साल 2013 में ब्रजेश ठाकुर ने एक गैर सरकारी संगठन (NGO) शुरू करने का फैसला किया, कुछ समय बाद उन्होंने इसका नाम सेवा संकल्प और विकास समिति दिया. इसके बाद उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम चलाने के लिए अपने सरकार में अपने राजनीतिक संबंधो का इस्तेमाल किया. इसी शेल्टर होम में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया.
मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ बलात्कार के मामले में ब्रजेश ठाकुर मुख्य आरोपी है. ब्रजेश के खिलाफ 31 मई को एफआईआर दर्ज की गई थी और गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था. बच्चियों के साथ हुई इस दरिंदगी को लेकर विपक्ष पार्टियां राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर हमलावर हो गई हैं. इस मामले पर मचा सियासी घमासान अब दिल्ली तक पहुंच चुका है.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव शनिवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान तेजस्वी के समर्थन में उनकी बहन मीसा भारती, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, जेडीयू से अलग हुए शरद यादव, सीपीआई नेता डी राजा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह समेत अन्य नेता और छात्र नेता भी जंतर-मंतर पहुंचे.
गौरतलब है कि 24 जुलाई को मुजफ्फरपुर स्थित सेवा संकल्प एवं विकास समिति बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 11 कर्मचारियों को लड़कियों से रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है.
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