Brahmos Supersonic Cruise missile नई दिल्ली, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos Supersonic Cruise missile) का सफल ट्रायल कर लिया है. ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज़ मिसाइल के परीक्षण को देखने के लिए एयर चीफ मार्शल […]
नई दिल्ली, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos Supersonic Cruise missile) का सफल ट्रायल कर लिया है. ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज़ मिसाइल के परीक्षण को देखने के लिए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और अन्य रक्षा अधिकारी मौजूद थे.
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos Supersonic Cruise missile) के सफल ट्रायल पर बधाई दी है. फिलहाल, एयर चीफ मार्शल परिचालन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए अंडमान और निकोबार के द्वीप क्षेत्र में हैं.
इससे पहले 8 दिसंबर 2021 को वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के हवाई वर्जन का सफल परीक्षण किया गया था. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने तय मानकों को पूरा करते हुए दुश्मन के ठिकाने को ध्वस्त कर दिया. सुखोई-30 एमके-1 (Sukhoi-30 MK-1) फाइटर जेट में लगाए गए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को आत्मनिर्भर भारत के तहत पूरी तरह से देश में ही तैयार किया गया है.
एक और जहाँ DRDO ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Brahmos Supersonic Cruise missile) का सफल परीक्षण कर लिया है, वहीं दूसरी ओर भारतीय वायुसेना के लिए ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल (Brahmos Supersonic Cruise missile) का अपग्रेडेड एयर लॉन्च वर्जन तैयार किया जा रहा है. इसकी रेंज 800 किलोमीटर तक होगी, यानी हमारे लड़ाकू विमान हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को बहुत दूर से भी तबाह कर सकेंगे.