नई दिल्ली: 9 मार्च 2022 यानि कि दो साल पहले, भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल पाकिस्तान में गलती से फायर हो गई थी। इस घटना के दो साल बाद अब भारतीय वायुसेना ने इसकी वजह का खुलासा किया है। 29 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के […]
नई दिल्ली: 9 मार्च 2022 यानि कि दो साल पहले, भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल पाकिस्तान में गलती से फायर हो गई थी। इस घटना के दो साल बाद अब भारतीय वायुसेना ने इसकी वजह का खुलासा किया है। 29 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान भारतीय वायुसेना ने बताया कि, ये हादसा ब्रह्मोस मिसाइल के कॉम्बैट कनेक्टर्स के जंक्शन बॉक्स से जुड़े रहने की वजह से हुआ था।
29 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई पर IAF ने बताया कि इस हादसे से पहले हमें इस बात की जानकारी थी कि मिसाइल का कॉम्बैट कनेक्टर्स जंक्शन बॉक्स से जुड़ा हुआ है लेकिन इसके बावजूद भी वो इस हादसे को रोकने के लिए कुछ नही कर पाऐ और जिसके बाद पाकिस्तान में भारत की मिसाइल लैंड हो गई। भारतीय वायुसेना ने इस बात को भी माना कि इसके कारण किसी भी हवाई और जमीनी चीज को किसी बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता था।
जांच कमिशन ने जांच में पाया कि भारतीय वायु सेना के तीन अधिकारी इस गलती के लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें यह मालूम था कि मिसाइल लॉन्चर से जुड़े हुए हैं, फिर भी उन्होंने लॉन्च को रोकने की कोई कोशिश नहीं की। जिसकी वजह से मिसाइल दूसरे देश में जाकर गिरी, जिससे वहां के लोगों या चीजों को भारी क्षति पहुंच सकती थी।
इस घटना की वजह से सरकार को 25 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ। साथ ही दुनिया में IAF की गरिमा को भी काफी नुकसान पहुंचा था और साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध भी प्रभावित हुुए थे।
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