नई दिल्ली: कैडबरी बॉर्नविटा के बारे में आज कौन नहीं जानता. ये दूध में मिलाकर पिए जाने वाला एक हेल्थ ड्रिंक है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक के सेवन के लिए बताया जाता है. इसके दीवानों की भी कमी नहीं है जिनमें अधिकांश बच्चे शामिल हैं. लेकिन पिछले कई दिनों से एक इंफ्लुएंसर के […]
नई दिल्ली: कैडबरी बॉर्नविटा के बारे में आज कौन नहीं जानता. ये दूध में मिलाकर पिए जाने वाला एक हेल्थ ड्रिंक है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक के सेवन के लिए बताया जाता है. इसके दीवानों की भी कमी नहीं है जिनमें अधिकांश बच्चे शामिल हैं. लेकिन पिछले कई दिनों से एक इंफ्लुएंसर के महज 1 मिनट के वीडियो ने कैडबरी बॉर्नविटा की नींद उड़ा दी है.
https://twitter.com/WokePandemic/status/1648273601785913345?s=20
दरअसल एक लड़के ने बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिससे इस पूरे बवाल की शुरुआत होती है. इस वीडियो में लड़का दावा करता है कि कंपनी अपने प्रोडक्ट में कई सारे हानिकारक केमिकल का प्रयोग कर रही है. इसका असर ये हुआ कि सोशल मीडिया पर वीडियो तेजी से वायरल हो गया और कंपनी सवालों के घेरे में आ गई. ये मामला इतना बढ़ गया है कि अब लड़के को कंपनी ने लीगल नोटिस तक भेज दिया है इसके बाद उसने खुद इस वीडियो को हटा दिया। वीडियो पोस्ट करने वाले की पहचान रेवंत हिमतसिंगका बताई जा रही है जो इन्फ्लुएंसर है.
इन्फ्लुएंसर ने अपने इस वीडियो में बॉर्नविटा की मिठास पर सवाल उठाए थे और दावा किया था कि हेल्थ ड्रिंक पाउडर में भारी मात्रा में शुगर है. साथ ही उसने इस पाउडर में में कोको सॉलिड्स और कैंसर पैदा करने वाले रंग के होने की भी बात कही थी. बता दें, रेवंत पेशे से एक न्यूट्रिशनिस्ट और हेल्थ कोच भी है.
रेवंत हिमतसिंगका का वीडियो जब सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बन गया तो इस मामले में कंपनी को भी सामने आना पड़ा. ऐसा इसलिए क्योंकि बॉर्नविटा की मार्केटिंग बतौर हेल्दी ड्रिंक की जाती है. कई सवालों के घेरे में खड़ी कंपनी ने भी अपने स्तर पर एक्शन लिया जिसके बाद रेवंत के खिलाफ लीगल नोटिस जारी कर दिया गया.
लेकिन तब तक इस वीडियो पर 12 मिलियन व्यूज आ चुके थे जो इस समय कई अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी वायरल हो रहा है. अभिनेता और राजनेता परेश रावल और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद तक इस वीडियो को साझा कर चुके हैं.
बवाल बढ़ने पर रेवंत का बयान भी सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी कानून कंपनियों में से एक से ’13 अप्रैल, 2023 को लीगल नोटिस मिलने के बाद उन्होंने यह वीडियो हटाने का फैसला लिया. उन्होंने आगे कंपनी से माफ़ी भी मांगी और आगे कहा कि उनका ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने या कंपनी को बदनाम करने का कोई इरादा नहीं था. वह आगे कहते हैं कि उनके पास कानूनी पचड़ों में पड़ने के लिए रुचि और संसाधन की कमी है और वह आगे कंपनी से अनुरोध करते हैं कि वह इस बात को कानूनी रूप से आगे ना बढ़ाएं.