राजीव गांधी सरकार के दौरान बोफोर्स घोटाला एक्सपोज करने वालीं पत्रकार चित्रा सुब्रमण्यम ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद को बड़बोला बताते हुए पत्रकारों को राफेल डील में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस और फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट के ऑफसेट डील पर ओलांद के इस खुलासे पर सतर्कता बरतने कहा है कि अनिल अंबानी की कंपनी को फ्रांस ने नहीं चुना बल्कि ये नाम भारत की तरफ से आया था और उनके पास कोई विकल्प नहीं था.
नई दिल्ली. भारत और फ्रांस के बीच लड़ाकू विमान राफेल की डील के समय वहां के राष्ट्रपति रहे फ्रांस्वा ओलांद के इस खुलासे से भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है कि डील में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को फ्रांस या डसॉल्ट ने नहीं नहीं चुना बल्कि भारत ने अंबानी का नाम दिया था. इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने ट्वीट करके या बयान जारी करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन पर झूठ बोलने और देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच राजीव गांधी सरकार के दौरान बोफोर्स घोटाले का खुलासा करने वालीं पत्रकार चित्रा सुब्रमण्यम ने कहा है कि फ्रांस्वा ओलांड बड़बोला है इसलिए उसके बयान पर सतर्कता से प्रतिक्रिया देनी चाहिए. सुब्रमण्यम ने ट्वीटर पर एक के बाद एक कई ट्वीटर और ट्वीट के जवाब दिए हैं जिसमें उन्होंने पत्रकारों से धैर्य और संयम का परिचय देते हुए मामले की पुष्टि करने की नसीहत दी है.
सुब्रमण्यम ने कहा है कि चूंकि फ्रांसीसी नेता ओलांद ने इंटरव्यू एक फ्रेंच पत्रिका को दिया है और खबर भी फ्रेंच भाषा में आई है इसलिए खबर पर चढ़ने से पहले सभी पत्रकारों को उसका सही अनुवाद हासिल करना चाहिए और समझना चाहिए कि असल में ओलांद ने कहा क्या है.
अर्णब गोस्वामी की अगुवाई वाले समाचार चैनल रिपब्लिक की संपादकीय सलाहकार चित्रा सुब्रमण्यम ने पहले ट्वीट में कहा है कि राफेल डील पर फ्रेंच मीडिया हाउस मीडियापार्ट के सवाल महत्वपूर्ण है लेकिन ये दो बात भी ध्यान में रखना महत्वपूर्ण होगा कि एक तो फ्रांस समेत किसी भी देश का भ्रष्टाचार में एकाधिकार नहीं है जिससे जांच मुश्किल काम हो जाता है और दूसरा कि ओलांद बड़बोला है. पहली बात का सीधा मतलब ये है कि भ्रष्टाचार सब जगह है और फ्रांस उसका अपवाद नहीं है. फिर उन्होंने ट्वीट किया है और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन से सवाल किया है कि क्या वो इस पर दो मिनट बोलना चाहेंगी और निराधार आरोप- बेबुनियाद आरोप वाला जवाब कहां है.
चित्रा सुब्रमण्यम ने रक्षा मंत्रालय के उस बयान पर भी सवाल उठाया है जिसमें सरकार ने कहा कि वो ओलांद के बयान की जांच कर रही है लेकिन ये साफ करना चाहती है कि एक व्यापारिक फैसले में ना भारत और ना ही फ्रांस सरकार का कोई रोल था. सुब्रमण्यम ने सवाल उठाया है कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है तो फिर किसका रोल होगा, किसने ये किया.
The report referring to fmr French president Mr. Hollande's statement that GOI insisted upon a particular firm as offset partner for the Dassault Aviation in Rafale is being verified.
It is reiterated that neither GoI nor French Govt had any say in the commercial decision.— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) September 21, 2018
ओलांद को बड़बोला या ज्यादा बोलने वाला कहने पर चित्रा ने सफाई दी है और कहा है कि ये वो नहीं कह रही हैं, फ्रांस के लोग ही ओलांद को ऐसा कहते हैं. चित्रा ने कहा है कि ओलांद सच हो सकते हैं लेकिन फ्रांस के लोग उनके बारे में क्या बोलते हैं, ये देखते हुए उनके बयान पर सतर्कता की जरूरत है.
चित्रा सुब्रमण्यम ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस के राफेल डील में डसॉल्ट के साथ ऑफसेट डील वाले खुलासे पर भारत सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस जवाब नहीं आने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने की जरूरत नहीं है लेकिन उसे बताना चाहिए जो ओलांद ने कहा है उसमें क्या सच है, क्या तथ्य है.
En Inde, François Hollande s’invite dans l’affaire des avions Rafale https://t.co/0Q806yhJvO
— Mediapart (@Mediapart) September 21, 2018
Questions raised by French media outlet @Mediapart are imp. Equally imp. to keep 2 issues in mind.
1. No country including #France has a monopoly over corruption. That makes investigation a very difficult task #RafaleDeal
2. #Hollande is a motormouth.— Chitra Subramaniam (@chitraSD) September 21, 2018
Revelations in the #French media about #RafaleDeal are important. Wondering if @nsitharaman would be willing to speak for two minutes about it as if it were a walk in a park. Where’s the usual “baseless…charges” response?
— Chitra Subramaniam (@chitraSD) September 21, 2018
So who did? This is not possible. #India's national security concerned and India had no say? @republic #RafaleFrenchClaim https://t.co/CihWkhlC2D
— Chitra Subramaniam (@chitraSD) September 21, 2018
Do you, as a journalist, understand the meaning of "careful" in a breaking story? Breaking copy would typically say more…Disappointed. I had heard such good things about you and your work. https://t.co/wZWtMn3tUJ
— Chitra Subramaniam (@chitraSD) September 21, 2018
All serious journalists do.When a story of this importance breaks, it's slugged as more in newsrooms. That's basic journalism for check multiple independent sources, check language, nuance etc. Editor picks up phone for heavy hitting. #Basics https://t.co/b15xUbfefF
— Chitra Subramaniam (@chitraSD) September 21, 2018
I read the interview in French. The piece on Indian websites correctly saying if true …( I don’t have the exact words). That the only break. As for calling him motormouth do read about what the French call him. He may still be right, hence, care. https://t.co/rv7ZDczdjA
— Chitra Subramaniam (@chitraSD) September 21, 2018
Call former #French President #Hollande what the French call him – #motormouth – and I get called out. #reverseracism
— Chitra Subramaniam (@chitraSD) September 21, 2018
The “loud" silence from GOI on #Hollande's allegations is increasingly deafening by the minute. Arranged pressers and "micro-trottoir" are no substitutes for substantiating or rejecting the statement in an independently verifiable way. #RafaleDeal 1/n
— Chitra Subramaniam (@chitraSD) September 21, 2018
A tweet here and there is muddying the waters. Open yourself up to scrutiny, GOI. No one is asking that national security interests be revealed. We have a right to know what #Hollande is referring to. n/n
— Chitra Subramaniam (@chitraSD) September 21, 2018
Bonsoir @t_d_h nair. I only referred to what the #French call #Hollande. However, the allegation he has made must be looked into. Tweeted a lot about that as well, but you know, you can a horse to the water…wish you a restful weekend. https://t.co/CBTPjLW0O5
— Chitra Subramaniam (@chitraSD) September 21, 2018
राफेल डील पर बोले फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति- अनिल अंबानी को हमने नहीं चुना, भारत की तरफ से नाम आया
AIF डेप्युटी चीफ मार्शल रघुनाथ नांबियार ने फ्रांस में उड़ाया भारत के लिए बना राफेल जेट