नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे। इस दौरान एयरपोर्ट पर उन्होंने पाकिस्तानी अधिकारियों से हाथ मिलाया और उन्हें एक गुलदस्ता भेंट किया गया। इसके बाद उनका स्टाइलिश अंदाज तब देखने को मिला जब उन्होंने जेब से काला चश्मा निकालकर पहना […]
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे। इस दौरान एयरपोर्ट पर उन्होंने पाकिस्तानी अधिकारियों से हाथ मिलाया और उन्हें एक गुलदस्ता भेंट किया गया। इसके बाद उनका स्टाइलिश अंदाज तब देखने को मिला जब उन्होंने जेब से काला चश्मा निकालकर पहना और सब देखते रह गए.
एयरपोर्ट पर मंत्री नीली टाई पहने, चश्मा लगाएं अलग ही नज़र आ रहे थे, इस दौरान उन्होंने एक बच्ची के साथ तस्वीरें के लिए पोज़ भी दिया। बता दें उनके लिए यात्रा महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि भारत के किसी विदेश मंत्री ने नौ साल बाद पाकिस्तान का दौरा किया है। इससे पहले 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद का दौरा किया था। वहीं से दोनों के बीच संबंध बिगड़ते चले गए।
#WATCH | EAM Dr S Jaishankar arrives in Rawalpindi, Pakistan for the 23rd Meeting of SCO Council of Heads of Government.
(Source: PTV) pic.twitter.com/BMIxwWWINk
— ANI (@ANI) October 15, 2024
एस जयशंकर की यह यात्रा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शासनाध्यक्ष परिषद (CHG) के शिखर सम्मेलन के लिए हो रही है, जो 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में आयोजित हो रहा है। वहीं भारत ने इस आयोजन में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह बैठक सालाना आयोजित की जाती है और इसमें व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर चर्चा की जाती है। इस बार भी भारत ने अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर करते हुए इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया है।
सूत्रों के अनुसार जयशंकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा SCO प्रतिनिधियों के लिए आयोजित डिनर में भी शामिल हो सकते हैं। जयशंकर की इस यात्रा को भारत की SCO के प्रति प्रतिबद्धता का एक अहम संकेत माना जा रहा है। हाल ही में एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा था, भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है, लेकिन ऐसे तब तक संभव नहीं है जब तक कि सीमा पार से आतंकवाद का निर्यात बंद नहीं हो जाता।
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