बेगूसराय/पटना: बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में वापसी को लेकर जन सुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि नीतीश से गठबंधन की सबसे बड़ी कीमत भारतीय जनता पार्टी और उनके साथी दलों को विधानसभा […]
बेगूसराय/पटना: बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में वापसी को लेकर जन सुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि नीतीश से गठबंधन की सबसे बड़ी कीमत भारतीय जनता पार्टी और उनके साथी दलों को विधानसभा चुनाव में चुकानी पड़ेगी. किशोर ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि लोकसभा चुनाव में नीतीश की पार्टी जेडीयू को 5 सीटें भी नहीं मिलने वाली हैं, इसी डर से वो भाजपा में भागे हैं.
मालूम हो कि नीतीश कुमार ने रविवार को महागठबंधन से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ नई सरकार बनाई है. नीतीश के एनडीए में आने का आगामी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में क्या असर पड़ेगा इस सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि इस गठबंधन की सबसे बड़ी कीमत बीजेपी और उनके साथी दलों को चुनाव में चुकानी पड़ेगी. क्योंकि जो भाजपा के समर्थक हैं, नेता हैं, वोटर हैं, कैडर हैं, उनके पास आज कोई भी जवाब नहीं है. आखिर आपने जिस नीतीश कुमार को 2020 में हम सब पर थोपा, उस वक्त भी बीजेपी के पास 75 और जेडीयू के 43 विधायक थे. बीजेपी ने अपना मुख्यमंत्री बनाकर बिहार को सुधारने का जिम्मा क्यों नहीं लिया?
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि मैंने लोकसभा चुनाव के नजरिए से पहले भी कैमरे पर कहा है कि नीतीश बाबू अगर महागठबंधन में लड़ते हैं तो उन्हें 5 सीटें भी नहीं मिलने वाली हैं. जब मैं ये बात कह रहा था तो उस वक्त जेडीयू के लोग चिल्लाते थे कि प्रशांत किशोर को क्या आता है. मैं बिहार का कोई नेता तो हूं नहीं और अगर मैं कह रहा हूं कि उन्हें 5 सीटें भी नहीं आएंगी तो फिर उन्हें नहीं आएंगी. इसी डर की वजह से नीतीश कुमार भाजपा में भागे हैं. उनको ये मालूम था कि महागठबंधन के साथ रहते तो उनकी पार्टी का खाता भी नहीं खुलने वाला था. अब नई व्यवस्था में जरूर नरेंद्र मोदी और भाजपा के नाम पर उन्हें कुछ सीटें मिल जाएंगी.
जुन सुराज यात्रा के तहत बेगूसराय पहुंचे प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जब नीतीश कुमार भागे थे तो आपने कहा था कि वे धोखेबाज हैं, और फिर आज उसी नीतीश कुमार को बिहार पर आप थोप रहे हैं. पहले जिस तरह से कांग्रेस और कांग्रेस के नेतृत्व ने चंद सांसदों के चक्कर में बिहार को लालू को बेच दिया था, वे इस बात की चिंता नहीं करते थे कि बिहार के लोगों का क्या होगा. बस यूपीए के 10, 15, 20 सांसद जीतकर यहां से आते रहे और लालू जी बिहार के लोगों को लूट कर बर्बाद करते रहे, तो उसकी सोनिया गांधी और कांग्रेस के नेतृत्व को कोई चिंता नहीं थी।. वही हाल आज भाजपा के नेतृत्व का है. उनकी चिंता सिर्फ इतनी है कि अगले लोकसभा चुनाव में हमारे 30 से 35 सांसद यहां से जीतकर आ जाएं. अगर, नीतीश ने पूरे बिहार को बर्बाद भी कर दिया तो इसकी चिंता उन्हें नहीं है.