लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उपचुनावों के बाद अब सत्तारूढ़ भाजपा निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। स्क्रीनिंग कमेटी के गठन के साथ निकाय चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के लिए भाजपा के द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया है। भाजपा के इस फैसले से दिग्गज नेताओं के पैरों तले ज़मीन खिसक गई […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उपचुनावों के बाद अब सत्तारूढ़ भाजपा निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। स्क्रीनिंग कमेटी के गठन के साथ निकाय चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के लिए भाजपा के द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया है।
भाजपा के इस फैसले से दिग्गज नेताओं के पैरों तले ज़मीन खिसक गई है। इस चुनाव के लिए भाजपा की स्क्रीनिंग कमेटी जिला स्तर पर प्रत्याशियों के नाम की सूची एक सप्ताह के भीतर बनाएगी।
गुजरात में प्रचंड जीत भी हिमाचल प्रदेश में भाजपा की हार की भरपाई नहीं कर पा रही है, वहीं उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में भले ही रामपुर विधानसभा सीट में भाजपा ने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है लेकिन खतौली विधानसभा सीट भी भाजपा के हाथों से निकल गई है।
इन्ही कारणों को मद्देनज़र रखते हुए भाजपा उत्तर प्रदेश में आगामी निगर निकाय चुनावों की तैयारी कर रही है। इन चुनावों के लिए भाजपा ने एक नीति तैयार की है जिसके चलते दिग्गज नेताओं के पसीने छूट गए हैं, भाजपा ने तय किया है कि, किसी भी मंत्री, सांसद और विधायक के परिवार और नाते रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिया जाएगा।
साथ ही भाजपा ने कहा है कि, जिन निकायों में पार्टी के पास विकल्पों की कमी होगी सिर्फ उन्ही स्थानों पर नाते रिश्तेदारों के नामों पर विचार किया जाएगा। भाजपा के इस फैसले के बाद दिग्गज नेताओं के रिश्तेदारों की उम्मीदे टूट गई होंगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में होने वाले निकाय चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं महामंत्री संगठन के साथ एक अहम बैठक की है। इस बैठक में नगर विकास मंत्री एके शर्मा भी मौजूद थे। यह बैठक रविवार को कालिदास मार्ग पर स्थित सीएम आवास में हुई।