लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से बुआ और भतीजे के साथ आने की चर्चा है. राजनीतिक गलियारों में दावा किया जा रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच दूरियां खत्म हो रही हैं. चर्चा ये भी है कि दोनों दल एक बार फिर साथ आ […]
लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से बुआ और भतीजे के साथ आने की चर्चा है. राजनीतिक गलियारों में दावा किया जा रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच दूरियां खत्म हो रही हैं. चर्चा ये भी है कि दोनों दल एक बार फिर साथ आ सकते हैं. मालूम हो कि इससे पहले 2019 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने साथ में लड़ा था. हालांकि उस चुनाव में दोनों दलों को गठबंधन का खास फायदा नहीं मिला था.
सपा और बसपा के फिर से साथ आने के कयासों को बल अखिलेश यादव के करीबी नेता ने दिया है सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामअचल राजभर ने कहा है कि 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए सारे विपक्षी दलों का साथ आना जरूरी है. उनके इस बयान के बाद अब यूपी में फिर से मायावती और अखिलेश के साथ आने की चर्चा है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा के चुनाव होंगे. राज्य के वर्तमान राजनीतिक हालातों की बात करें तो अभी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में अपना दल (एस), निषाद पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और राष्ट्रीय लोक दल शामिल हैं. वहीं, विपक्ष में सपा और कांग्रेस का गठंधन है. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी और नगीना सांसद चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी भी है.
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