नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में बहुमत से पिछड़ने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा में भी कमजोर हो गई है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में बीजेपी सदस्यों की संख्या 90 से नीचे आई है। संसद के उच्च सदन कहे जाने वाले राज्यसभा में बीजेपी सांसदों की संख्या […]
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में बहुमत से पिछड़ने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा में भी कमजोर हो गई है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में बीजेपी सदस्यों की संख्या 90 से नीचे आई है। संसद के उच्च सदन कहे जाने वाले राज्यसभा में बीजेपी सांसदों की संख्या 86 हो गई हैं। हालांकि मौजूदा रिक्तियों को भरने के लिए बीजेपी और उनके सहयोगी दल होने वाले उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करके अपनी स्थिति मजबूत कर सकते हैं।
NDA को संख्या बल के आधार पर बिहार, असम और महाराष्ट्र में दो-दो सीटें व हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा में एक-एक सीटें जीत सकती है। वहीं सरकार की तरफ से 4 नए सदस्यों को मनोनीत किया जाना अभी बाकी है। आमतौर पर मनोनीत सदस्य सत्ता पक्ष के साथ ही रहते हैं। राज्यसभा में फिलहाल 226 सदस्य है। इसमें बीजेपी के 86, कांग्रेस के 26 और TMC के 13 सदस्य हैं। 245 सदस्यीय राज्यसभा में वर्तमान में 19 राज्यसभा सीटें खाली हैं।
राज्यसभा से जो सदस्य रिटायर हुए हैं उनमें राम शकल, महेश जेठमलानी, राकेश सिन्हा और सोनल मान सिंह शामिल हैं। राज्यसभा में मनोनीत होने के बाद इन सभी सांसदों ने औपचारिक रूप से भाजपा को समर्थन दिया था। अब इन सदस्यों के रिटायरमेंट के बाद बीजेपी को महत्वपूर्ण बिल राज्यसभा से पास कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
कांग्रेस तेलंगाना में एक सीट पर होने वाले चुनाव को जीतने की कोशिश में है। बीआरएस यानी भारत राष्ट्र समिति के केशव राव के इस्तीफे के बाद से यह सीट खाली हुई है। केशव राव अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं तो यदि वो यहां से जीत जाते हैं तो राजस्थान में एक सीट गंवाना पड़ेगा। राजस्थान में बीजेपी बहुमत में है। राजस्थान की सीट के सी वेणुगोपाल के केरल में अलाप्पुझा से लोकसभा चुनाव जीतने से खाली हुई थी। बीजेपी की नजर दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण हरियाणा में खाली हुई सीट पर है।
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