जयपुर। गुजरात विधानसभा चुनाव का पहला चरण खत्म होने के बाद ही भाजपा ने राजस्थान में चुनाव प्रचार आरम्भ कर दिया है। भाजपा की इस रणनीति से क्या कांग्रेस को नुकसान होगा राजनीतिक गलियारों में यही बात गूंज रही है। पिछले गुजरात चुनावों में भाजपा का खराब परफॉर्मेंस होने के कारण इस चुनाव में उस […]
जयपुर। गुजरात विधानसभा चुनाव का पहला चरण खत्म होने के बाद ही भाजपा ने राजस्थान में चुनाव प्रचार आरम्भ कर दिया है। भाजपा की इस रणनीति से क्या कांग्रेस को नुकसान होगा राजनीतिक गलियारों में यही बात गूंज रही है। पिछले गुजरात चुनावों में भाजपा का खराब परफॉर्मेंस होने के कारण इस चुनाव में उस गलती को सुधारने के लिए भाजपा ने राजस्थान में चुनाव प्रचार आरम्भ कर दिया है। अगले वर्ष होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनावों में जीत एवं गुजरात के दूसरे चरण को प्रभावित करने के लिए यह प्रचार अहम होगा।
एक राज्य के चुनाव खत्म होते ही भाजपा दूसरे राज्यों के चुनावों को प्रभावित करने मे लग जाती है। इस साल की शुरुआत मे जब उत्तर प्रदेश समेत पांच विधानसभाओं के चुनावों का काम पूरा हुआ वैसे ही पीएम मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी थीं।
लगातार काम करने की इस रणनीति मे भाजपा के शीर्ष नेता इस मुहिम का हिस्सा बने रहते हैं। गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को जयपुर में 51 रथों को हरी झंडी दिखाई है। भाजपा द्वारा राजस्थान में जन आक्रोश यात्राओं के माध्यम से कांग्रेस को घेरने का काम करेगी। हम आपको बता दें कि, राज्य की 200 विधानसभा सीटों में भाजपा के 200 रथ दौड़ेंगे, साथ ही लगभग 20 हजार चौपाल और नुक्कड़ सभाएं भी होंगी। 14 दिनों तक चलने वाले इस जन आक्रोश अभियान के दौरान भाजपा के रथ लगभग 75,000 किलोमीटर का सफर तय करते हुए इस अभियान मे लोगों से सीधा सम्पर्क करेंगे।
राजस्थान के जनआक्रोश अभियान का एक पहलू गुजरात के दूसरे चरण के चुनावों से भी जुड़ा हुआ है। जिसका सीधा असर गुजरात के दूसरे चरण के मतदान पर प़ड़ सकता है। क्योंकि उत्तर गुजरात की सीमा राजस्थान से लगे होने के कराण दोनों राज्यों के मुद्दे यहां पर प्रभाव डालने का काम करते हैं।
हम आपको बता दें कि पिछले गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा को उत्तर गुजरात में कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि राजस्थान और गुजरात की रणनीति मे काफी अंतर है। फिर भी उत्तर गुजरात में राजस्थान के प्रचार का असर देखने को मिल सकता है।