SC/ST Act: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमत केंद्र सरकार ने डाला रिव्यू पिटीशन लेकिन इन BJP शासित राज्यों ने पहले ही किया लागू

SC/ST पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए जहां एक तरफ केंद्र सरकार ने रिब्यू पिटीशन फाइल किया है लेकिन बीजेपी शासित तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने शीर्ष अदालत को लागू कर दिया. हालांकि विपक्षी पार्टियों के सवाल उठाने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे वापस ले लिया. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि इस मसले पर जो केंद्र का फैसला होगा वही राज्य सरकार का.

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SC/ST Act: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमत केंद्र सरकार ने डाला रिव्यू पिटीशन लेकिन इन BJP शासित राज्यों ने पहले ही किया लागू

Aanchal Pandey

  • April 17, 2018 4:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से SC/ST एक्ट में फैसला बदलने की गुहार लगा रही है तो वहीं मध्यप्रदेश और राजस्थान शीर्ष अदालत के फैसले को लागू भी कर चुके हैं. कुछ ही दिन पहले अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि केंद्र सरकार एससी-एसटी एक्ट की हिफाजत और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन उसी राज्य ने आज केंद्र की प्रतिबद्धता की परवाह किए बिना सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कर दिया.

एससी-एसटी एक्ट मामले में बीजेपी शासित मध्य प्रदेश और राजस्थान ने केंद्र सरकार को भी पीछे छोड़ते हुए ये राज्य सुप्रीम के फैसले को लागू कर चुका है. फैसले लागू करने की लिस्ट में छत्तीसगढ़ भी शामिल था लेकिन मीडिया में चर्चा और विपक्षियों द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद उसने अपना फैसला बदल लिया. मुख्यमंत्री रमन सिंह का इस मामले पर कहना है कि केंद्र का जो फैसला होगा, वही राज्य का भी होगा. तब तक जो ऑर्डर पास किए गए थे, उसे रद्द किया जाता है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एससी/एसटी पर सुप्रीम कोर्ट से फैसले ने नाखुश केंद्र सरकार का कहना है कि 20 मार्च को आए SC के फैसले से वह सहमत नहीं है. आदेश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सख्ती से लागू करने को कहा गया है. वहीं हिमाचल प्रदेश ने इस मामले में अनाधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं जबकि हरियाणा ने इस मसले पर कानूनी सलाह लेने की बात कही है. बता दें कि पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान संबोधित करते हुए कहा था कि आपके हक की चिंता करना सरकार का दायित्व है लेकिन कार्यक्रम के 8 दिन पहले यानी 6 अप्रैल को छत्तीसगढ़ सरकार शीर्ष अदालत को जारी करने के लिए पुलिस को सर्कुलर जारी कर चुकी थी.

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