नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के अलावा देश की राजनीति में एक बड़ी चर्चा ये है कि बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? इसके लिए पार्टी इन दिनों चुनावी कवायद में जुटी हुई है. पहले कहा जा रहा था कि जनवरी तक बीजेपी को राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा लेकिन अब ये जानकारी सामने आई है कि पार्टी फरवरी या मार्च यानी दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद ही अपने नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान करेगी. फिलहाल केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा पार्टी अध्यक्ष पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी का सदस्यता अभियान पहले नवंबर तक पूरा होना था लेकिन यह अभी भी चल रहा है। पार्टी ने 20 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है लेकिन अब तक यह आंकड़ा 12 करोड़ तक ही पहुंच पाया है. पिछली बार पार्टी ने 18 करोड़ सदस्य बनाए थे और इसमें वे लोग भी शामिल थे जिन्होंने मिस्ड कॉल के जरिए पार्टी की सदस्यता ली थी।
वहीं महाराष्ट्र और झारखंड समेत कुछ अन्य राज्य भी हैं जहां विधानसभा चुनाव के कारण सदस्यता अभियान पूरा नहीं हो सका है. इन राज्यों में संगठन के चुनाव के बाद ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा और ऐसे में मामला फरवरी और मार्च तक खिंच सकता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक निर्वाचक मंडल भी बनाया जाएगा और इसका गठन 25 जनवरी तक किया जाएगा.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कौन बैठेगा इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं. ऐसे वरिष्ठ नेताओं में भूपेन्द्र यादव, धर्मेन्द्र प्रधान और के. लक्ष्मण का नाम सबसे आगे है. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और शिवराज सिंह चौहान का नाम भी चर्चा में है. हालांकि, बीजेपी चौंकाने वाले फैसले लेती रही है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि एनडीए सरकार का नेतृत्व करने वाली इस पार्टी का अध्यक्ष कौन बनेगा. बीजेपी नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में आरएसएस से भी सलाह जरूर लेगा. यह भी तय है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पसंद सबसे अहम होगी.
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन करते समय बीजेपी ओबीसी, ऊंची जाति और दलित समुदाय समेत क्षेत्रों और जातियों के समीकरण को भी ध्यान में रखेगी. यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी किसी युवा नेता पर भी दांव लगा सकती है. बीजेपी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले 50 फीसदी राज्य इकाइयों का पुनर्गठन होना चाहिए. राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों का भी चुनाव होना है.भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इसमें बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य हिस्सा लेते हैं. राष्ट्रीय परिषद में राज्यों के अध्यक्ष और राज्यों में चुने गए प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए बनने वाले निर्वाचक मंडल के गठन की जिम्मेदारी भी 29 नेताओं को दी गई है. ऐसे नेताओं में हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, गुजरात के लिए भूपेन्द्र यादव, मध्य प्रदेश के लिए धर्मेंद्र प्रधान, उत्तर प्रदेश के लिए पीयूष गोयल, जी. किशन रेड्डी, राजस्थान के लिए विजय रूपाणी, बिहार के लिए मनोहर लाल खट्टर, कर्नाटक के लिए शिवराज चौहान, असम के लिए गजेंद्र शेखावत और केरल के लिए प्रह्लाद जोशी का नाम शामिल है.
ये भी पढ़ें: ममता का पारा हुआ हाई, मछुआरों के साथ बांग्लादेश ने किया बुरा, करोड़ों रुपये किए खर्च
चर्चा है कि एक बहुत बड़ा उद्योगपति एनसीपी के दोनों गुटों को एक करने की…
चर्चा है कि कनाडा के ट्रूडो की तरह अब बांग्लादेश में भी मोहम्मद यूनुस की…
कनाडा में चर्चा है कि एक हिंदू महिला नेता अगली पीएम बन सकती है। इस…
AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने PWD घोटाले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये…
प्रणब मुखर्जी के मेमोरियल बनने के ऐलान के बाद शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…
Womens Premier League 2025: वीमेंस प्रीमियर लीग 2025 के मुकाबले लखनऊ और बड़ौदा में खेले…