नई दिल्ली, दिल्ली पार्टी मुख्यालय में बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक शुरू हो चुकी है. जहां इस बैठक में भाजपा राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपना उम्मीदवार चुनने जा रही है. इस समय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य मौजूद हैं.
भाजपा संसदीय बोर्ड की यह काफी महत्वपूर्ण बैठक है. जिससे पहले गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि एम वेंकैया नायडू को भाजपा अपने उम्मीदवार के लिए राष्ट्रपति चुनाव में चुन सकती है. नायडू के साथ शाह, सिंह और नड्डा की मुलाकात को काफी अहम माना गया है. जहां अब दिल्ली के पार्टी मुख्यालय की मीटिंग के बाद ही यह तय होगा कि राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी.
तीन नेताओं के मना करने के बाद आखिरकार आज विपक्ष को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना चेहरा मिल गया. पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ही वह नाम है जो विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बनेंगे. जहां राजनीतिक जानकारों के बीच इस खबर से काफी हलचल देखने को मिल रही है. बता दें, यशवंत सिन्हा ने साल 2018 में बीजेपी को छोड़ा था, इस समय वह तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं.
अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग होनी है, इन चुनावों के लिए जहां विपक्ष एक मजबूत उम्मीदवार की तलाश कर रहा है, वहीं सत्ताधारी दल भाजपा की कोशिश है कि 16 वें राष्ट्रपति का चुनाव आम सहमति से ही हो जाए, यानी सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर एक ही उम्मीदवार का सर्मथन कर दें और उसे अगला राष्ट्रपति घोषित किया जाए. इसके लिए भाजपा के अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से लेकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कवायद शुरू कर दी है और वे विभिन्न विपक्षी दलों से बातचीत भी कर रहे हैं, लेकिन केंद्र में भाजपा के अब तक के शासन को देखा जाय तो पार्टी ने हमेशा एन मौके पर किए गए फैसलों से सभी को चौकाया है.
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