BJP on Naseeruddin Shah Statement: बुलंदशहर हिंसा पर बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने सवाल उठाते हुए कहा था कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या से ज्यादा एक गाय की हत्या को अहमियत दी जा रही है. इसी पर पक्ष और विपक्ष दोनों और से बयान आ रहे हैं. विपक्ष ने इस सवाल पर नसीरुद्दीन शाह का साथ दिया तो भाजपा ने इसे नसीरुद्दीन शाह का एक पब्लिसिटी स्टंट बताया है.
नई दिल्ली. कांग्रेस और एनसीपी ने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बुलंदशहर हिंसा को लेकर दिए गए बयान पर उनका साथ दिया है. नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर हिंसा की जांच पर सवाल खड़े करते हुए कहा था, ‘गाय की हत्या को एक पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या से ज्यादा अहमियत दी जा रही है. मैंने अपने बच्चों को किसी खास धर्म की शिक्षा नहीं दी है. मुझे उनके लिए डर है कल को उन्हें कोई भीड़ घेर कर पूछती है कि वो हिंदू हैं या मुसलमान? तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा.’
कांग्रेस ने नसीरुद्दीन शाह के बयान के जरिए भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी राजनीतिक फायदों के लिए देश के माहौल को खराब कर रहे हैं. वहीं भाजपा ने नसीरुद्दीन शाह के इस बयान को लोकसभा 2019 चुनाव से पहले सरकार को बदनाम करने की साजिश के तहत एक कोशिश करार दिया है. बता दें कि नसीरुद्दीन शाह के बयान की एक वीडियो कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर की. इसके साथ उन्होंने लिखा हम सहमत हैं, नफरत से डरो मत, इससे लड़ो. इसी के बाद इंदौर में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने इसपर बयान देते हुए कहा, ‘देश की जनता डर के माहौल में जी रही है क्योंकि भाजपा लोगों को धर्म के आधार पर बांट रहे हैं. हमें तो डर है कि यदि नरेंद्र मोदी सरकार लोकसभा चुनाव के बाद फिर सत्ता में आती है तो ना संविधान और ना लोकतंत्र बचेगा.’
#NaseeruddinShah we concur, do not fear the hate, fight it. #DaroMathttps://t.co/pkUGczYSkN
— Congress (@INCIndia) December 20, 2018
वहीं दूसरी ओर भाजपा ने नसीरुद्दीन शाह के बयान को केवल एक पब्लिसिटी स्टंट करार दिया है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने नसीरुद्दीन शाह के बयान पर जवाब देते हुए कहा, ‘ये सहिष्णुता या असहिष्णुता की बहस नहीं है. ये केवल एक पब्लिसिटी स्टंट है.’ वहीं पार्टी के सांसद प्रहलाद पटेल ने इस बारे में कहा, ‘इस देश ने नसीरुद्दीन शाह जैसे अभिनेताओं को कितना कुछ दिया है. उन्होंने भारतियों के बीच नाम, शोहरत और इज्जत कमाई है. अगर फिर भी उन्हें लगता है की उनका देश सुरक्षित नहीं है तो उन्हें कदम उठाना चाहिए और अपनी मर्जी के देश में रहना शुरू कर देना चाहिए.’