BJP National Meet PM Narendra Modi : बीजेपी राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन में बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा और पूछा विरोधी बताएं कितने योजनाओं के नाम नरेन्द्र मोदी के उपर है ?
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरोधियों से एक के बाद कई सवाल दागे. प्रधानमंत्री ने सीधा कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा की, क्या आयुष्मान भारत योजना के आगे नरेन्द्र मोदी लिखा है? क्या भारत माला, सागर माला के आगे नरेन्द्र मोदी लिखा है? क्या उज्ज्वला योजना मोदी के नाम से जानी जाती है? उन्होने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है क्योंकि हमारे लिए स्वयं से बड़ा दल और दल से बड़ा देश है . अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पीएम ने कहा कि विरोधी दलों के लोग आरोप लगाते हैं हमने सिर्फ योजनाओं के नाम बदले हैं. ऐसे लोग ये बताएं कि कितनी योजनाएं नरेन्द्र मोदी के नाम से चल रही है? ये इसलिए है क्योंकि भाजपा में हमें यही सिखाया गया है कि स्वयं से बड़ा दल और दल से बड़ा देश होता है.
भारतीय जनता पार्टी का यह दो दिवसीय अधिवेशन देशभर के हमारे करोड़ों कार्यकर्ताओं के लिए संकल्प करने का अधिवेशन है।
नए भारत का जो स्वप्न मोदी जी ने हमें दिया है, यह उस नए भारत की रचना करने के संकल्प का अधिवेशन है: श्री @AmitShah #AbkiBaarPhirModiSarkar pic.twitter.com/dyDC0cBXCx
— BJP (@BJP4India) January 11, 2019
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कोशिशों में हमने कोई कमी नहीं छोड़ी है और ये आगे भी जारी रहेगी. साल 2022 तक किसान अपनी आय दोगुनी करने के साधन जुटा सके इसके लिए हम दिन रात जुटे हुए हैं. यूपीए सरकार ने अपने आखिरी पांच साल में किसानों से 7 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद की. हमने बीते साढ़े चार साल में 95 लाख मीट्रिक टन उपज किसान से खरीदी. अब भी हम किसानों के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं.पहले दाल की कीमतों को लेकर कितना हल्ला मचाया जाता था. अब कितने दिन हो गए कि टीवी पर दाल की कीमतों पर ब्रेकिंग न्यूज नहीं आई यह संभव हुआ क्योंकि हमारी सरकार ने नई नीतियां बनाई हैं.हमारी सरकार ने स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशों को न सिर्फ लागू किया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि किसानों को एमएसपी का डेढ़ गुना दाम मिले.
जब हम किसानों की समस्या के समाधान की बात करते हैं तो पहले की सच्चाइयों को स्वीकार करना जरूरी है. पहले जिनके पास किसानों की समस्याओं का हल निकालने का जिम्मा था, उन्होंने शॉर्टकट निकाले, उन्होंने किसानों को सिर्फ मतदाता बना रखा.