नई दिल्ली. देश में इस समय में भगवान हनुमान के जाति ओर धर्म के नाम पर चल रही राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कोई भगवान हनुमान को दलित कहता, कोई मुसलमान कोई जैन तो कोई जाट. सभी में ये बताने की होड़ लगी है कि आखिर भगवान हनुमान के किस जाति और धर्म के थे. इस रेस में बीजेपी के सांसद उदित राज ने भी अपना दावा पेश करते हुए कि कहा है कि वैज्ञानिक तौर पर सोचा जाये तो हनुमान जी का कोई अस्तित्व ही नहीं था साथ ही उदित राज ने अपने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावे को भी दूसरा स्थान देते हुए कहा कि अगर हम तथ्यों को नजरअदांज करें तो हनुमान दलित या आदिवासी होने चाहिए.
गौरतलब है कि हनुमान के जाति ओर धर्म के नाम पर चल रही राजनीति को सबसे पहला तूल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 दिसंबर को विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान राजस्थान के अलवर जिले के मलाखेड़ा चुनावी रैली में भाषण देते हनुमान को दलित कहा था. साथ ही उन्होंने हनुमान को वनवासी और वंचित भी बताया था. इस बयान को आगे बढ़ाते हुए भाजपा सांसद सावित्रीवाई ने दास के रूप में हनुमान को आदिवासी बता दिया.
इसके बाद मध्य प्रदेश के भोपाल में एक जैन पुजारी ने कहा कि जैन ग्रंथों के मुताबिक हनुमान जी जैन थे. इसके अलावा 20 दिसंबर को बीजेपी के एक और नेता एमएलसी बुक्कल नवाब ने कहा कि हनुमान जी मुस्लिम थे. अनके बयान के तहत मेरा मानना है कि हनुमान जी के नाम से मिलते जुलते नाम मुस्लिमों में पाये जाते हैं जैसे मुसलमानों के नाम में रहमान, फरमान, जीशान आदि आता है. यही कारण है कि हनुमान जी मुसलमान थे.
वहीं दूसरे ओर 21 दिसंबर को यूपी सरकार के एक और बीजेपी मंत्री ने विधान परिषद में हनुमान जी को जाट बता दिया. उनका मानना है कि हनुमान दूसरों की परेशानी के लिए हमेशा तैयार रहते थे वैसे ही जाट भी औरों की समस्या को देख कर कूद पड़ते इसलिए हनुमान जाट थे. आपको बता दे कि बीजेपी के सांसद कीर्ति आजाद भी हनुमान को चीनी बता चुके हैं.
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