नई दिल्ली. अयोध्या राम जन्मभूमि में पूजा के अधिकार की मांग को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से दोबारा गुहार लगाई है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से स्वामी ने कहा कि उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए. सीजेआई ने कहा कि फारुखी के मामले में जो फैसला सुरक्षित कोर्ट ने रखा है, जब उसका फैसला आ जाए तो आप मामले की सुनवाई की मांग करें. दरअसल अयोध्या मुख्य मामले की सुनवाई से कोर्ट ने उनकी याचिका को अलग कर दिया था.
स्वामी ने अपनी याचिका में कहा कि संपत्ति के अधिकार को लेकर मुकदमा नहीं है, लेकिन पूजा करने का अधिकार मुझे है, प्रत्येक हिन्दू को है. पूजा का अधिकार संपत्ति के अधिकार से ऊपर है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रखा कि संविधान पीठ के 1994 के फैसले पर फिर विचार करने की जरूरत है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट टाइटल सूट से पहले अब इस पहलू पर सुनवाई कर रहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं.
कोर्ट ने कहा, पहले यह तय होगा कि संविधान पीठ के 1994 के उस फैसले पर फिर से विचार करने की जरूरत है या नहीं, जिसमें कहा गया कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है. इसके बाद ही टाइटल सूट पर विचार होगा. 1994 में पांच जजों की बेंच ने राम जन्मभूमि में यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया था ताकि हिंदू पूजा कर सकें. पीठ ने यह भी कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अहम हिस्सा नहीं है. 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए जमीन का एक तिहाई हिंदू, एक तिहाई मुस्लिम और एक तिहाई राम लला को दे दिया था.
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