शराब कारोबारी विजय माल्या की देश छोड़कर भागने में किसने मदद की. क्या भागने से पहले माल्या ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी. क्या यूपीए सरकार के वक्त माल्या को बेहिसाब कर्ज दिया गया. यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिन्हें लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बीच अरुण जेटली के धुर-विरोधी माने जाने वाले बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्वामी का दावा है कि माल्या के खिलाफ जारी किए गए 'ब्लॉक' नोटिस को 'रिपोर्ट' में तब्दील करने का निर्देश वित्त मंत्रालय की ओर से दिया गया था.
नई दिल्लीः भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के एक बयान ने देश में सियासी घमासान मचा दिया है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर हमलावर हो गए हैं. विपक्षी दलों के नेता वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर बीजेपी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेर रही है और माल्या को कर्ज देने के लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. विपक्षी दलों तक तो सब ठीक था लेकिन अब जेटली के विरोध में पार्टी के भीतर आवाजें उठने लगी हैं. दरअसल अरुण जेटली के धुर-विरोधी माने जाने वाले बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उनके ही खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
स्वामी ने ट्वीट के जरिए जेटली पर शक जताते हुए वित्त मंत्रालय पर ही सवाल दाग दिए. स्वामी ने ट्वीट किया, ‘माल्या के देश से भागने से जुड़े अब दो तथ्य हमारे सामने आ रहे हैं, जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता. पहला ये कि 24 अक्टूबर, 2015 को माल्या के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस को ‘ब्लॉक’ से ‘रिपोर्ट’ में बदला गया. जिसकी मदद से वह 54 लगेज आइटम लेकर देश छोड़ने में कामयाब रहे. दूसरा ये कि विजय माल्या ने संसद के सेंट्रल हॉल में वित्त मंत्री को बताया था कि वह लंदन के लिए रवाना हो रहे हैं.’
सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को भी एक ट्वीट कर जेटली को शक के दायरे में खड़ा किया था. उन्होंने लिखा, ‘मुझे मेरे सूत्रों से पता चला है कि सीबीआई ने माल्या के खिलाफ जो लुकआउट नोटिस जारी किया था उसे 24 अक्टूबर, 2015 को ‘ब्लॉक’ से ‘रिपोर्ट’ में तब्दील करने का निर्देश वित्त मंत्रालय से दिया गया था. निर्देश देने वाला शख्स कौन है.’ बताते चलें कि इस मुद्दे पर 12 जून, 2018 को किया गया स्वामी का एक और ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है. इस ट्वीट में स्वामी ने कहा है कि स्ट्रॉंग लुकआउट नोटिस जारी होते हुए माल्या देश छोड़कर नहीं भाग सकते थे. माल्या दिल्ली आए और किसी ताकतवर शख्स से मिले, जो ब्लॉक नोटिस को रिपोर्ट में बदलने की ताकत रखता था. वह कौन था जिसने माल्या के लुकआउट नोटिस को बदल दिया.
We have now two undeniable facts on the Mallya escape issue: 1. Look Out Notice was diluted on Oct 24, 2015 from “Block” to “Report” departure enabling Mallya to depart with 54 checked luggage items. 2. Mallya told FM in Central Hall of Parliament that he was leaving for London.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 13, 2018
I learn from my sources that the Lookout Notice issued by CBI for Mallya was modified from “Block Departure” to “Report Departure” on October 24, 2015 on orders from someone in MoF. Who?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 12, 2018
Mallya could not escape from India because of a strong Look Out Notice for him at airports. He then came to Delhi and met someone who was powerful enough to change the Notice from blocking his departure to just reporting his departure. Who was that person who dilute this LON?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 12, 2018