देवघर : झारखंड में देवघर एयरपोर्ट मामला अब पूरी तरह से घूम गया है. सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी समेत 9 लोगों पर FIR दर्ज़ की गई है. इस FIR से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे भड़क गए हैं. देवघर हवाई अड्डे पर हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) से कथित तौर पर जबरन मंजूरी लेने आरोपों पर गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बताया है कि किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया था और सब कुछ समय पर ही हुआ था.
भाजपा सांसद ने कहा कि क्या सरकार एक सांसद के निर्देशों पर काम करती है? ये मामला एयरपोर्ट भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण से संबंधित है, हवाई यातायात नियंत्रण मंजूरी की निगरानी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) करता है और सुरक्षा नागरिक उड्डयन ब्यूरो के अधीन आती है. तीनों ही अलग-अलग संस्थाएं हैं. उन्होंने आगे सवाल किया कि बीजेपी सांसद ने कहा कि इस मामले में एयरपोर्ट निदेशक के खिलाफ भी FIR क्यों दर्ज़ की गई? ऐसा इसलिए उपायुक्त (डीसी) ये बात जानते थे कि प्राथमिकी हाईकोर्ट के सामने नहीं होगी क्योंकि यदि इस एयरपोर्ट पर कोई गलती हुई या किसी नियम का उल्लंघन किया गया या धमकी दी गई है, तो सुरक्षा प्रभारी हवाई अड्डा प्राधिकरण के निदेशक होंगे.
इसी कड़ी में निशिकांत दुबे आगे कहते हैं कि FIR में था कि हम शाम 5:15 बजे एयरपोर्ट पहुंचे और शाम 5:25 बजे हम विमान के अंदर थे. जबकि स्थानीय सूर्यास्त का समय शाम 6:04 था, जिसके 20 मिनट बाद में एक विमान ने उड़ान भरी, ऐसे में किस नियम का उल्लंघन हुआ? निशिकांत ने आगे कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ और सब कुछ समय पर किया गया.
निशिकांत दुबे ने बताया कि एटीसी, एएआई, बीसीएएस और डीजीसीए मामला दर्ज नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसी बीच डीसी देवघर मंजूनाथ भजंत्री कानूनों का हवाला दे रहे हैं. मंजूनाथ ऐसा क्यों कर रहे हैं? मंजूनाथ ने गलत हलफनामा दाखिल किया. सीसीटीवी फुटेज से साफ़ मालूम होता है कि मैं नंगे पांव जा रहा था, इसलिए मेरे बेटे ने मेरे जूते-चप्पल लेकर मेरा पीछा किया था और मुझे उसी जगह पर पहनने के लिए कहा गया था. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मंजूनाथ भजंत्री ने जानबूझकर यह मामला दर्ज कराया है.
निशिकांत दुबे आगे कहते हैं कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ कुल 37 मामले दर्ज किए गए हैं. वह जितने मामले दर्ज करना चाहते हैं, दर्ज करें. मेरे और मेरे परिवार की न्याय के लिए यह लड़ाई जारी रहेगी. बता दें, निशिकांत दुबे दुमका (Dumka) में मृत छात्रा अंकिता के परिजनों से मिलने और उन्हें सहायता राशि देने अन्य लोगों के साथ देवघर एयरपोर्ट चार्टर्ड से पहुंचे थे. वापसी के दौरान हुए इस विवाद पर अब देवघर जिला प्रशासन और बीजेपी सांसद आमने-सामने आ गए हैं.
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