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Delhi MCD : शुरू हुई BJP की बैठक! MCD चुनाव में हार पर मंथन

नई दिल्ली : दिल्ली एमसीडी चुनावों में करारी हार के बाद भाजपा का मंथन शुरू हो गया है. भाजपा कार्यालय 14 पंत मार्ग में पार्टी की अहम बैठक बुलाई गई है. जानकारी के अनुसार इस मीटिंग में BJP अध्यक्ष आदेश गुप्ता, मोर्चों के अध्यक्ष, महामंत्री, जिला अध्यक्ष समेत प्रदेश पदाधिकारियों , विजय गोयल, सांसद रमेश […]

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Delhi MCD : शुरू हुई BJP की बैठक! MCD चुनाव में हार पर मंथन
  • December 7, 2022 5:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : दिल्ली एमसीडी चुनावों में करारी हार के बाद भाजपा का मंथन शुरू हो गया है. भाजपा कार्यालय 14 पंत मार्ग में पार्टी की अहम बैठक बुलाई गई है. जानकारी के अनुसार इस मीटिंग में BJP अध्यक्ष आदेश गुप्ता, मोर्चों के अध्यक्ष, महामंत्री, जिला अध्यक्ष समेत प्रदेश पदाधिकारियों , विजय गोयल, सांसद रमेश विधूड़ी, संगठन मंत्री सिद्धार्थन, प्रदेश सह प्रभारी अलका गुर्जर शामिल हैं. जहां दिल्ली एमसीडी में मिली मात पर विचार किया जा रहा है. दिल्ली एमसीडी चुनावों में भाजपा हार गई है. जहां बीजेपी को कुल 104 वोट प्राप्त हुए हैं. वहीं जीत हासिल करने वाली पार्टी आम आदमी पार्टी के पास कुल 134 सीटों पर बहुमत रही. लगातार तीन बार जीतने के बाद भाजपा की एमसीडी में हार हुई है.

वोटशेयर के आंकड़े

देशभर की निगाहें राजधानी के एमसीडी चुनावों के परिणामों पर थी. यही कारण है कि दिल्ली स्टेट इलेक्शन कमिशन की आधिकारिक वेबसाइड नतीजों के दौरान कई बार क्रैश भी हुई. यदि हम चुनाव के वोटशेयर पर नज़र डालें तो आम आदमी पार्टी का वोटशेयर 42.05 प्रतिशत रहा. पिछली बार के मुकाबले इस बार आम आदमी पार्टी को 16 फीसद अधिक वोट मिले हैं. हैरानी की बात ये है कि भले ही दिल्ली एमसीडी में भाजपा हार गई हो लेकिन वोट शेयर के मामले में उसका रिकॉर्ड बिगड़ा नहीं है. इस साल बीजेपी का वोट शेयर 39.09 प्रतिशत रहा जो पिछले चुनावी साल के मुकाबले 3 प्रतिशत अधिक है. वहीं तीसरे नंबर की पार्टी कांग्रेस की बात करें तो दिल्ली एमसीडी में उनका वोट शेयर घटा है. जहां कांग्रेस का वोट शेयर 10 फीसद घटकर 11.68 प्रतिशत रहा.

ला सकती है अपना मेयर

बता दें, एमसीडी चुनाव में दलबदल का कानून लागू नहीं होता है. ऐसे में ये संभव है कि मेयर के चुनाव के समय क्रॉस वोटिंग हो. भाजपा के दावों से भी इसी बात का संदेश मिल रहा है. दूसरी ओर केंद्र में भी भाजपा की ही सरकार है. ऐसे में भाजपा के पास अभी भी 12 मनोनीत सदस्यों की शक्ति है. सीटों की संख्या देखें तो भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच कुछ ज़्यादा का फर्क नहीं है. 30 सीटों के अंतर से आम आदमी पार्टी भाजपा पर हावी है. हालांकि मनोनीत सदस्यों के बाद ये संख्या 18 हो जाएगी. ऐसे में ये संभव है कि भाजपा बाकी की सीटों को मिलाकर और राजनीतिक हेर फेर कर दिल्ली में हार के बाद भी अपना मेयर लेकर आ जाए.

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