उत्तर प्रदेशः 2019 लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव-मायावती गठबंधन के खिलाफ मंदिर प्लान पर काम कर रही बीजेपी सरकार

अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने अभी से कोशिश तेज कर दी है. उत्तर प्रदेश में मायावती-अखिलेश यादव को मात देने के लिए इस बार भारतीय जनता पार्टी मंदिर प्लान बना रही है. जिसके तहत पार्टी प्रदेश के सभी-छोटे बड़े मंदिरों की लिस्ट तैयार कर रही है. बीजेपी इसके तहत मंदिरों के पुजारियों से संपर्क साध उनके अनुयायियों का वोट अपने खाते में करने की कोशिश करेगी.

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उत्तर प्रदेशः 2019 लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव-मायावती गठबंधन के खिलाफ मंदिर प्लान पर काम कर रही बीजेपी सरकार

Aanchal Pandey

  • August 6, 2018 2:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः चुनावों में किसी भी राजनीतिक पार्टी के दिल्ली तक पहुंचने का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है और यह बात केंद्र में शासित भारतीय जनता पार्टी बखूबी समझती है. इसीलिए को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए और मायावती और अखिलेश यादव को मात देने के लिए बीजेपी ने यूपी में ‘मंदिर प्लान’ बनाना शुरू कर दिया है. साल 2014 में बहुमत से सत्ता में आने वाली बीजेपी हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण में जुट गई है. जिसके लिए पार्टी ने प्रदेश के सभी मंदिरों वो छोटे हो या बड़े, मठों और आश्रमों की लिस्ट तैैयार करनी शुरू कर दी है.

इतना ही नही पार्टी में 2019 में जीत पक्की करने के लिए अनुसूचित जाति और ओबीसी श्रेणियों के लोगों की सूची भी बना रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी इस बार इन सूचियों के जरिए मंदिरों, मठों और आश्रमों के मुखिया संपर्क करेगी जिससे कि उनके अनुयायियों तक पहुंचा जा सके. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने एक फार्म तैयार कर 1.4 लाख बूथ इंचार्ज को दिया है. इस फार्म में मंदिर का नाम के साथ-साथ स्थान, पुजारी और उनके मोबाइल नंबर भरने हैं. 

जीत के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही बीजेपी ने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से अनुसूचित जाति और ओबीसी जाति के वोटरों के लिस्ट तैयार करने के साथ ही कहा गया है कि बूथ पर एससी और ओबीसी श्रेणी से आने वाले कम से कम दो पुरुष और दो महिलाओं को जोड़ा जाए. मंदिरों के अलावा पार्टी ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार करने मोबाइल नंबर इकट्ठे करने में लगी है जो वोटिंग को प्रभावित कर सकते हैं. 

पार्टी की कोशिश है कि हर बूथ पर कम से कम 21 सदस्य हों, बता दें कि यूपी में करीब 1.6 लाख पोलिंग बूथ है. इस पूरी रणनीति को लेकर पार्टी के उपाध्यक्ष जेपी का राठौर का कहना है कि 16 अगस्त से 25 अगस्त के बीच बूथ सेक्शन कमेटी की मीटिंग की जाएगी.जिसमें 29 लाख कार्यकर्ताओं की टीम बनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि ब्लाक और जिला स्तर पर करीब 11 लाख कार्यकर्ता लगाए जाएंगे. बता दें कि बीजेपी ने हर बूथ को एक अलग नाम दिया है. जैसे जो निर्वाचन क्षेत्र पूरी तरह से पार्टीट के पक्ष में है उसे ए कोड, जहां 60-40 चांस होगा उसे बी और अल्पसंख्यकों के इलाकों को सी कोड में रखा गया है.

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