पुरी. भाजपा के स्टार प्रवक्ता संबित पात्रा ने ओडिशा के पुरी में एक गरीब के घर खाना खाया. इसकी वीडियो भी संबित पात्रा ने ट्वीट की. वीडियो में संबित पात्रा जहां बैठकर खाना खा रहे हैं, एक महिला चूल्हे पर खाना बना रही हैं. गौर करने वाली बात है कि जहां नरेंद्र मोदी सरकार लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार में उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त में एलपीजी गैस कनेक्शन देने का ढिंढोरा पीट रही है. लेकिन वीडियो में हकीकत तो कुछ और ही नजर आ रही है. हो सकता है पात्रा जी का इस बात पर ध्यान न गया हो वरना वे वीडियो शेयर करने की गलती कभी न करते.
उज्जवला योजना नरेंद्र मोदी की सबसे सफल योजनाओं में से एक मानी जाती है. प्रधानमंत्री अपनी हर एक रैली में उज्ज्वला योजना की कामयाबी की बातें भी करते हैं. लेकिन वाकई यह योजना सफल है या नहीं, अब सवाल पैदा करता नजर आ रहा है.
सोशल मीडिया पर संबित पात्रा को नाप रहे लोग
संबित पात्रा का वीडियो शेयर होते ही सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई. काफी लोगों ने संबित पात्रा को सराहा तो कई लोगों ने संबित पात्रा पर तंज भी कसा. काफी सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि जब उज्ज्वला योजना में सभी को गैस कनेक्शन बांटे तो फिर गरीब के घर खाना चूल्हे पर क्यों पक रहा है. देखिए कुछ ट्वीट्स
कितनी सफल हुई पीएम मोदी की उज्ज्वला योजना?
उज्ज्वला योजना की सफलता के कोई सरकारी आंकड़े तो सामने नहीं आए हैं लेकिन भाजपा का कहना है कि देश की करीब 6 से 8 करोड़ महिलाएं इसका फायदा ले रही हैं. लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स ऐसा बिल्कुल नहीं मान रही हैं. इन रिपोर्ट्स में कहना है कि काफी लोगों को नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और सिलेंडर तो पहुंचाए गए लेकिन फिर से भरने के पैसे लोगों के पास नहीं हैं.
गैस सिलेंडर रिफिल न करा पाने की परेशानी सिर्फ एक दो या 10 परिवारों को नहीं बल्कि अलग-अलग राज्यों में बड़ी संख्या में लोग इससे जूझ रहे हैं. कई लोगों का कहना है कि उनके पास ढंग से बच्चों को भरपेट खाना खिलाने के पैसे नहीं हो पाते तो हर महीने या दो महीने में गैस की रकम कैसे चुका सकते हैं. वहीं कई जगहों से इस योजना में भ्रष्टाचार होने की खबर भी आई. जिनमें आरोप था कि गैस एजेंसी वाले लाभार्थियों से रिश्वत मांगते हैं.
भाजपा ने क्यों शुरु की थी उज्ज्वला योजना की शुरुआत
1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस योजना का शुभारंभ किया था. योजना के अनुसार, सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में बीपीएलधारी महिलाओं को गैस कनेक्शन देना था ताकि वे एलपीजी के इस्तेमाल से खाना बना सके. जिससे दूसरे साधन जैसे लकड़ी, कोयला और गोबर के उपले का प्रयोग कम हो क्योंकि उसमें से निकलने वाला धुआं महिलाओं की सेहत के लिए किसी जहर कम नहीं है.
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