बिहार. BJP JDU Spar Over NRC: बिहार में सत्ताधारी पार्टी जेडीयू और उसकी सहयोगी बीजेपी में एनआरसी मुद्दे पर तकरार बढ़ती जा रही है. दोनों पार्टियों के नेता इस मुद्दे पर एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं. दरअसल नीतीश कुमार की कैबिनेट में मौजूद बीजेपी के मंत्री ने घुसपैठियों को बाहर करने के लिए बिहार में असम की तरह एनआरसी लागू करने की मांग की है. बीजेपी नेता की इस मांग को जेडीयू के नेता ने राजनीति से प्रेरित बताया है. इससे पहले खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि उनकी पार्टी एनआरसी जैसे किसी भी प्रकार के अभियान के लिए राजी नहीं है.
बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच जुबानी जंग तब तेज हुई जब जनत दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि गलत तरीके से कराए गए एनआरसी के कारण आज लाखों लोग अपने ही देश में विदेशी हो गए हैं और इतने जटिल विषय को बिना सूझ बूझ के लागू करना और वह भी राजनीतिक फायदे के लिए इसका परिणाण काफी बुरा होगा. हालांकि जेडीयू उपाध्यक्ष के इस बयान पर बीजेपी के किसी बड़े नेता का तो अभी कोई बयान नहीं आया है. लेकिन आरएसएस से जुड़े और राज्यसभा में बीजेपी के सांसद राकेश सिन्हा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोल शुरू कर दिया. प्रोफेसर सिन्हा ने पोल में पूछा क्या बिहार के सीमांचल में एनआरसी लागू होना चाहिए.
बता दें कि सीमांचल में एनआरसी लागू करने की मांग के पीछे प्रोफेसर राकेश सिन्हा का तर्क यह है कि घुसपैठ एक तरह का मौन आक्रमण है जो कि बिहार के खासकर कुछ जिलों अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज में साफ दिखता है, जिसके कारण वहां का समाजिक वातावरण और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र कमजोर हुआ है. राकेश सिन्हा के इस बयान का मतलब साफ है कि बीजेपी के नेता एनआरसी पर जेडीयू की राय से इत्तेफाक नहीं रखते हैं लेकिन अगर जेडीयू के नेता कुछ बोलेंगे तो उसका उन्हें जवाब दिया जाएगा.
हद तो तब हो गई जब नीतीश कुमार की कैबिनेट के दो मंत्री इस विवाद में कूद गए . बिहार सरकार में पिछड़ा कल्याण मंत्री और भाजपा नेता विनोद सिंह ने कहा कि बिहार में करीब 40 लाख घुसपैठिया हैं और एनआरसी लागू कर इन्हें निकाला जाना चाहिए. कटिहार जिले से आने वाले मंत्री विनोद सिंह ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिया अवैध रूप से आकर बस गए हैं और आए दिन आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं. इस पर जेडीयू नेता और उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि बिहार में एनआरसी की बिल्कुल जरूरत नहीं है. यहां पर कोई घुसपैठिया नहीं है. हालांकि यह कोई पहली बार नही है जब एनडीए की प्रमुख सहयोगी पार्टी जेडीयू ने बीजेपी के किसी फैसले का विरोध किया हो. इससे पहले जेडीयू तीन तलाक, आर्टिकल 370 के मुद्दे पर भी बीजेपी का विरोध कर चुकी है.
Assam Government on NRC List: एनआरसी में जिनका नहीं है नाम असम सरकार उन्हें देगी कानूनी मदद
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