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MCD की स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में बीजेपी की बल्ले-बल्ले, पार्षद सुंदर सिंह तंवर निर्विरोध जीते

नई दिल्ली : MCD दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी की 18वीं सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP ) ने बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा पार्षद सुंदर सिंह तंवर को 115 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। आप ने इस मतदान को अवैध बताते हुए […]

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BJP councilor Sundar Singh Tanwar
  • September 27, 2024 7:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली : MCD दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी की 18वीं सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP ) ने बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा पार्षद सुंदर सिंह तंवर को 115 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। आप ने इस मतदान को अवैध बताते हुए चुनाव का बहिष्कार किया।

आपको बता दें कि स्थायी समिति नगर निगम की सबसे शक्तिशाली संस्था है। शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त की अध्यक्षता में 18वीं सीट के लिए मतदान हुआ। इस मतदान में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने हिस्सा नहीं लिया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने एलजी के आदेश के विरोध में चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था।

बहिष्कार के बावजूद सुंदर सिंह तंवर जीते

भाजपा उम्मीदवार सुंदर सिंह तंवर जीते एमएसडी स्थायी समिति की 18वीं सीट के लिए हुए मतदान में भाजपा ने सुंदर सिंह और आम आदमी पार्टी ने निर्मला कुमारी को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन आप और कांग्रेस के चुनाव का बहिष्कार करने के बाद सुंदर सिंह तंवर जीत गए हैं। एलजी ने गुरुवार रात को स्थायी समिति के सदस्य का चुनाव कराने का निर्देश दिया था। गुरुवार रात को ही कमिश्नर ने चुनाव कराने की घोषणा की थी, लेकिन आम आदमी पार्टी के विरोध के कारण गुरुवार रात को चुनाव नहीं हो सका। वह चुनाव शुक्रवार को हुआ।

चुनाव संवैधानिक और अवैध है: केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चुनाव कराने के फैसले का विरोध किया था। केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली नगर निगम के कानून में स्पष्ट निर्देश है कि सदन की बैठक बुलाने का अधिकार केवल मेयर को है।

उन्होंने कहा कि सदन की बैठक एलजी या कमिश्नर नहीं बुला सकते। कानून में साफ लिखा है कि सदन बुलाने के लिए 72 घंटे का समय दिया जाना चाहिए, ताकि पार्षद इसकी पूरी तैयारी कर सकें, लेकिन इस मामले में किसी नियम का पालन नहीं किया गया। यह चुनाव पूरी तरह से असंवैधानिक और अवैध है।

 

 

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