गुजरात विधानसभा चुनाव में 99 सीटें जीतने वाली भाजपा राज्य सभा में केवल 2 ही सीटों पर कब्जा जमा पाएगी. दरअसल अगले साल राज्यसभा से भाजपा के 4 सदस्य रिटायर हो रहे हैं लेकिन एक राज्य सभा सीट के लिए 36 विधायकों का वोट चाहिए होता है. ऐसे में दो सीटें भाजपा के हिस्से आएंगी जबकि अन्य दो कांग्रेस को मिल जाएंगी.
नई दिल्ली. गुजरात में जीत दर्ज करने के बाद जश्न में डूबी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए अब नई मुसीबत आ खड़ी हुई है. दरअसल अगले साल मार्च में राज्य सभा में 14 राज्यों के 50 से अधिक सदस्यों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनावों में पार्टी अपनी सभी सीटें नहीं बचा पाएगी. दरअसल अप्रैल में भाजपा के 4 राज्यसभा सदस्य रिटायर होंगे और एक राज्य सभा सीट के लिए 36 विधायकों के वोट की जरूरत पड़ती है. ऐसे में गुजरात विधानसभा चुनाव में 99 सीट जीतने वाली भाजपा केवल 2 ही सीटों पर कब्जा जमा पाएगी. जबकि बाकी की दो अन्य सीटे गुजरात चुनाव में 80 सीटें पाने वाली कांग्रेस के खाते में चली जाएंगी.
बता दें कि अप्रैल में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा परषोत्तम रुपाला, शंकरभाई वेगाद और मनसुख मंडाविया रिटायर होने वाले हैं. अभी 11 में से 9 राज्यसभा सदस्य भाजपा के लिए इस राज्य से आते हैं जबकि अगले द्विवार्षिक चुनावों के बाद सिर्फ 7 ही भाजपा सदस्य रह जाएंगे. हालांकि महाराष्ट्र और यूपी चुनाव के बाद राज्य सभा में भाजपा की स्थिति मजबूत हो गई थी. ऐसे में उसे यूपी से 7 जबकि महाराष्ट्र से 2 सीटें मिलेंगी. इससे राजग की सूची अगले साल 84 से बढ़कर 100 के नजदीक पहुंच जाएगी. वहीं 2 अप्रैल को हिमाचल से भाजपा के राज्य सभा सांसद और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी रिटायर होंगे. बता दें कि साल 2002 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को 127 सीटें मिलीं थी जिसके बाद से ये संख्या कम होती चली गई.
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