नई दिल्ली, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अब सत्ताधारी भाजपा भी सक्रीय हो गई है. जहां रविवार यानी आज जेपी नड्डा के आवास पर BJP चुनाव मैनेजमेंट टीम की बैठक आरम्भ हो चुकी है. जानकारी के अनुसार इस बैठक में गजेंद्र शेखावत समेत कई बड़े भाजपाई नेता पहुंच चुके हैं. यह बैठक भाजपा के लिए काफी […]
नई दिल्ली, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अब सत्ताधारी भाजपा भी सक्रीय हो गई है. जहां रविवार यानी आज जेपी नड्डा के आवास पर BJP चुनाव मैनेजमेंट टीम की बैठक आरम्भ हो चुकी है. जानकारी के अनुसार इस बैठक में गजेंद्र शेखावत समेत कई बड़े भाजपाई नेता पहुंच चुके हैं. यह बैठक भाजपा के लिए काफी अहम् है. क्योंकि इस दौरान ही आगामी राष्ट्रपति चुनावों की तैयारियों की रूपरेखा तैयार की जाएगी. बता दें, यह भाजपा की पहली बैठक है. जिसमें आगामी राष्ट्रपति चुनावों को लेकर सदस्यों की भूमिका और उनकी जिम्मेदारियां तय की जा सकती हैं.
बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को उम्मीदवार के तौर पर आम सहमति बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया गया है. भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और सीटी रवि इस समिति के सह-संयोजक हैं. इस टीम में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, अश्विनी वैष्णव, स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार, राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग, सर्बानंद सोनोवाल, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डीके अरुणा और राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा भी शामिल हैं.
इस चुनाव प्रबंधन समिति में बीजेपी महिला विंग की प्रमुख वनथी श्रीनिवास, सिलचर से लोकसभा सांसद डॉ राजदीप रॉय और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा भी शामिल हैं. रविवार को होने वाली पार्टी की बैठक में समिति के सदस्यों की भूमिका और जिम्मेदारियों पर बातचीत होगी. जानकारी के अनुसार पता चला है कि 14 सदस्यों को अलग-अलग राज्यों की जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. ये सदस्य वहां का दौरा करेंगे और समन्वय का काम करेंगे.
गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार को मैदान में उतारने का फैसला किया है. हालांकि ये उम्मीदवार कौन होगा, इसे पर विचार मंथन का दौर जारी है. एनसीपी नेता शरद पवार चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं. नेशनल कॉफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने भी जम्मू कश्मीर के हालात का हवाला देते हुए अपना नाम वापस ले लिया है. अब विपक्ष पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी का नाम की चर्चा में लगी हुई है।
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