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ELECTION : पूर्वोत्तर के बाद दक्षिण भारत पर बीजेपी की नजर, केरल और तमिलनाडु का किला भेदने की कोशिश

नई दिल्ली : पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में अभी चुनाव सम्पन्न हुआ है. चुनाव के नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी में काफी उत्साह है. पूर्वोत्तर में भाजपा ने बेहरतीन प्रदर्शन किया है. त्रिपुरा में भाजपा ने गठबंधन के साथ मिलकर 33 सीट पर जीत दर्ज की है. वहीं नागालैंड में भाजपा ने गठबंधन […]

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ELECTION : पूर्वोत्तर के बाद दक्षिण भारत पर बीजेपी की नजर, केरल और तमिलनाडु का किला भेदने की कोशिश
  • March 6, 2023 9:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में अभी चुनाव सम्पन्न हुआ है. चुनाव के नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी में काफी उत्साह है. पूर्वोत्तर में भाजपा ने बेहरतीन प्रदर्शन किया है. त्रिपुरा में भाजपा ने गठबंधन के साथ मिलकर 33 सीट पर जीत दर्ज की है. वहीं नागालैंड में भाजपा ने गठबंधन के साथ मिलकर 37 सीटों पर जीत दर्ज की है.

दक्षिण भारत के राज्यों पर बीजेपी की नजर

पूर्वोत्तर में जीत दर्ज करने के बाद भाजपा के हौसले बुलंद है. अब उसकी नजर दक्षिण भारत के राज्यों में होने वाले चुनावों पर है. कर्नाटक विधानसभा का चुनाव 2 महीने बाद होने वाला है. दक्षिण भारत में लोकसभा की 129 सीटें है जिसमें भारतीय जनता पार्टी के पास केवल 25 सीटें है. ये पूरी 25 सीटें कर्नाटक से ही है. भाजपा ने दक्षिण भारत के राज्यों के अधिक से अधिक सीट जीतने के लिए तैयारी शुरू कर दी है.

कर्नाटक और तेलंगाना में होना है चुनाव

लोकसभा चुनाव से पहले राज्यों में होने वाले चुनाव को सेमीफाइल माना जा रहा है. कुछ दिन बाद कर्नाटक और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने वाला है. इन राज्यों के चुनाव के नतीजों से पता चल जाएगा कि लोकसभा में कौन सी पार्टी दक्षिण भारत में लीड लेगी. अभी हाल में हुए तेलंगाना विधानसभा के उपचुनाव में बीजेपी ने 2-3 सीटें जीती है जिससे उसके हौसले बुलंद है. 2020 में हैदराबाद में हुए नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था.

इन राज्यों में खाता नहीं खोल पाई बीजेपी

कर्नाटक में लोकसभा की 29 सीटें है जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 25 सीट जीती थी. कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कर्नाटक से आते है. इसलिए उनके ऊपर भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव होगा. केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में बीजेपी का लोकसभा में एक भी सदस्य नहीं हैं.

 

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