पटना। बिहार में नीतीश कुमार ने मंगवार को एनडीए के साथ में गठबंधन तोड़ दिया. जिसके बाद अब फिर से एक बार महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। आज यानी बुधवार दोपहर दो बजे आयोजित सीएम और डिप्टी सीएम के शपथग्रहण समारोह के साथ ही बिहार में नई सरकार की कयावद शुरू हो […]
पटना। बिहार में नीतीश कुमार ने मंगवार को एनडीए के साथ में गठबंधन तोड़ दिया. जिसके बाद अब फिर से एक बार महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। आज यानी बुधवार दोपहर दो बजे आयोजित सीएम और डिप्टी सीएम के शपथग्रहण समारोह के साथ ही बिहार में नई सरकार की कयावद शुरू हो जाएगी। आइए बताते है कि नीतीश का एनडीए से नाता तोड़ने की क्या वजह रही।
दरअसल,नीतीश ने पिछले चार महीनों में कई बार अपनी नाराजगी के संकेत दिए… विधानसभा सत्र के दौरान उनकी स्पीकर से कहासुनी हुई। नीतीश केंद्र सरकार के आयोजनों से दूरी बनाए हुए थे। दो दिन पहले ही नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। वहीं, इसके अलावा राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण और निवर्तमान राष्ट्रपति के विदाई समारोह से भी दूरी बनाई रखी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठक में भी शामिल नहीं हुए। भाजपा ने ऐसा नहीं सोचा होगा कि नीतीश की नाराजगी इतनी बढ़ जाएगी कि गठबंधन टूट जाएगा। बहरहाल, आज यानी बुधवार दोपहर दो बजे आयोजित सीएम और डिप्टी सीएम के शपथग्रहण समारोह के साथ ही बिहार में नई सरकार शुरू हो जाएगी।
बता दें कि बीजेपी को बिहार के सीएम नीतीश कुमार की नाराजगी का अंदाजा था, मगर ये अंदाजा नहीं था कि नीतीश पाला भी बदल सकते है। वह जेडीयू से लगातार मिल रहे संकेतों को भांपने में पुरी तरह चूक गई। खासतौर से आरसीपी सिंह मामले में पैदा हुए विश्वास के संकट ने दोनों दलों के बीच खाई को गहरी कर दिया।
नीतीश की भाजपा से नाराजगी नई नहीं थी। इसका सिलसिला विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान के भाजपा के पक्ष और जेडीयू के विरोध में ताल ठोकने से शुरू हो गया था। बीजेपी के मुकाबले जेडीयू के आधी सीटों पर सिमटने, सरकार चलाने में फ्री हैंड नहीं मिलने, विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लगातार सरकार पर हमला करने से नीतीश की नाराजगी बढ़ती चली गई थी।
वहीं, आरसीपी केंद्र में मंत्री बने तो नीतीश का नाराजगी सब्र टूट गया। जेडीयू नेताओं का कहना है, नीतीश की सहमति के बिना आरसीपी को मंत्री बनाया गया। बाद में नीतीश ने उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं दिया तो उन्होंने जेडीयू विधायकों से संपर्क साधना शुरू किया। नीतीश को लगा कि इसके पीछे बीजेपी का हाथ है। जेडीयू ने कई बार भाजपा पर जेडीयू में मतभेद पैदा करने का आरोप लगाया।
बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना