नई दिल्ली : 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारी कर रही है. 18 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एनडीए की बैठक हुई. एनडीए की बैठक में 38 पार्टियों ने हिस्सा लिया था. वहीं कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक हुई जिसमें 26 पार्टियों ने हिस्सा […]
नई दिल्ली : 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारी कर रही है. 18 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एनडीए की बैठक हुई. एनडीए की बैठक में 38 पार्टियों ने हिस्सा लिया था. वहीं कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक हुई जिसमें 26 पार्टियों ने हिस्सा लिया. विपक्ष ने कहा NDA बनाम INDIA की लड़ाई है.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बिहार में 40 में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बिहार में 2019 में सियासी समीकरण कुछ अलग थे अब कुछ अलग है. 2019 में बीजेपी के साथ रामविलास पासवान और नीतीश कुमार थे. इस लोकसभा चुनाव में बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्ष में है और उनके पास बड़ा वोट बैंक है इसलिए बीजेपी को झटका लग सकता है. राम विलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी दो गुटों में बंट गई एक उनके भाई और दूसरा उनके बेटे में लेकिन पार्टी का चुनाव चिन्ह राम विलास पासवान के भाई को मिला. एनडीए की दिल्ली में हुई बैठक में चिराग पासवान शामिल हुए थे. वहीं बिहार के पूर्व सीएम जीनत राम मांझी नीतीश का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए है. इस बार के लोकसभा चुनाव में बिहार में ऊंट करवट बैठेगा ये तो समय ही बताएगा.
अगर कांग्रेस की बात की जाए तो 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी. इस बार के लोकसभा चुनाव में कुछ फायदा मिल सकता है क्योंकि जेडीयू और आरजेडी के साथ है. अब ये देखना है कि बिहार में कांग्रेस कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
उत्तर प्रदेश में हुए 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सत्ता में फिर वापसी की. विधानसभा चुनाव को हुए एक साल से अधिक समय हो गया है अब बहुत सारे सियासी समीकरण बदल गए है. विधानसभा चुनाव में सपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था वहीं पूर्व सीएम मायावती की पार्टी बसपा सिर्फ एक सीट पर सिमट गई थी. इस बार ये देखना है कि दलित वोट बैंक किस तरफ जाता है. मायावती अभी तक किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं है. वहीं सपा के साथ रहे सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सपा की साइकिल से उतरकर के एनडीए में शामिल हो गए है. पश्चिम यूपी में पकड़ रखने वाले आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी का सपा के साथ गठबंधन है.
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