कठुआ और उन्नाव गैंगरेप मामलों में बीजेपी चारों तरफ से घिरी हुई है. इन दोनों घटनाओं पर सिर्फ विपक्ष ही नहीं आम जनता का गुस्सा भी फूट रहा है. कठुआ की घटना पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से एक निजी चैनल के पत्रकार ने सवाल पूछा तो वे इससे बचते नजर आए.
नई दिल्ली. उन्नाव और कठुआ गैंगरेप पर देशभर में हंगामा मचा हुआ है. लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिन ही नहीं रातों को भी प्रदर्शन हो रहे हैं. दोनों ही मामलों में लोग बीजेपी को घेर रहे हैं. कठुआ मामले में बीजेपी के दो मंत्रियों पर आरोपियों का समर्थन करने के आरोप हैं. ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से एक निजी चैनल के पत्रकार ने कठुआ रेप केस पर सवाल पूछा तो वे पल्ला झाड़ते नजर आए. अमित शाह ने पत्रकार को सवाल का जवाब देने के बजाय कहा कि इस मामले पर सड़क पर बात नहीं कर सकता.
एक बर्बर और बड़ी घटना पर सवाल से बचते अमित शाह वहां से गाड़ी में बैठकर चले गए. पत्रकार ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से पूछा था कि कठुआ में 8 साल की बच्ची से रेप के मामले में बीजेपी बच्ची का समर्थन क्यों नहीं कर रही है. इस सवाल पर शाह ने कहा कि इस मुद्दे पर मैं रोड पर बात नहीं कर सकता. पत्रकार से इतना कहते ही वो अपनी गाड़ी में बैठकर चल दिए.
बता दें कि जम्मू के कठुआ में 10 जनवरी को आठ साल की बच्ची लापता हो गई थी. सात दिन बाद उसकी बुरी हालत में लाश मिली. इस बच्ची के साथ इतनी दरिंदगी की गई थी जिसे सुनकर रूह कांप जाएगी. बच्ची को बेहोशी की दवा देकर कई दिन तक बलात्कार किया गया. लड़की के गुमशुदा होने की जांच कर रहे पुलिस इंस्पेक्टर ने भी उसे मारे जाने से पहले रेप किया. आठ साल की मासूम लड़की दो समुदायों के बीच लंबे समय से चल रही दुश्मनी की भेंट चढ़ गई. वह खानाबदोश मुस्लिम समुदाय से थी. उसके साथ दरिंदगी करने वाले हिंदू समुदाय के हैं जिन्होंने बकरवाल समुदाय के लोगों को भगाने के लिए बच्ची के साथ दरिंदगी की योजना बनाई.
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