नई दिल्ली; केंद्र सरकार एक ओपन टेक्नोलाजी नेटवर्क लाने की योजना बना रही है. इसकी जिम्मेदारी इन्फोसिस के कोफाउंडर नंदन नीलेकणी को दी गई है. सरकार के इस पहल से छोटे व्यापारियों को वालमार्ट और अमेजन जैसी कंपनियों के साथ मुकाबला करने में मदद मिलेगी. अब छोटे कारोबारियों को भी मिलेगा लाभ क्योंकि केंद्र सरकार […]
नई दिल्ली; केंद्र सरकार एक ओपन टेक्नोलाजी नेटवर्क लाने की योजना बना रही है. इसकी जिम्मेदारी इन्फोसिस के कोफाउंडर नंदन नीलेकणी को दी गई है. सरकार के इस पहल से छोटे व्यापारियों को वालमार्ट और अमेजन जैसी कंपनियों के साथ मुकाबला करने में मदद मिलेगी.
अब छोटे कारोबारियों को भी मिलेगा लाभ क्योंकि केंद्र सरकार एक ओपन टेक्नोलाजी नेटवर्क लाने की योजना बना रही है. देश की कई बड़ी-बड़ी कंपनियां पहले ही ONDC के साथ जुड़ चुकी है. ओएनडीसी के कामकाज में तेजी लाने के लिए सरकार सलाहकार परिषद का गठन कर चुकी है.
बता दें कि, अमेजन और फ्लिपकार्ट का मुकाबला करने के लिए सरकार आज से दिल्ली एनसीआर समेत देश के पांच शहरों से ओपेन नेटवर्क डिजिटल कामर्स प्लेटफार्म का पायलट प्रोजेक्ट लांच करने जा रही है. इसकी शुरुआत चार राज्यों से होगी जिनमें बेंगलुरु, भोपाल, शिलांग और कोयम्बटूर शामिल है. इस योजना से मिलने वाला लाभ यह रहेगा की लोग आनलाइन शापिंग ही नही बल्कि इसके माध्यम से सामान भी बेच सकेंगे. इस प्लेटफार्म पर एक साबुन की टिकिया से लेकर एयरलाइन का टिकट खरीदा और बेचा जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेजन और फ्लिपकार्ट भारत में संयुक्त रूप से अब तक 24 अरब डालर का निवेश कर चुका है. 80 फीसदी आनलाइन मार्केट पर इन दोनों कंपनियों का कब्जा जमा हुआ है. जिस तरह से ई-कामर्स कंपनियों का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है, उससे किराना दुकानदार डरे हुए है. मिली जानकारी के अनुसार, देश के कुल रिटेल मार्केट का मात्र छह फीसदी आनलाइन व्यवसाय रह गया है, लेकिन जिस तरह अमेरिका और यूरोपीय देशों में इन कंपनियों ने छोटे दुकानदार को खत्म कर दिया है, वैसे ही भारत में उनका अस्तित्व नहीं बचेगा. उनकी इन्हीं चिंताओं को दूर करने के लिए ओएनडीसी की शुरुआत की जा रही है.
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