Budget 2022 नई दिल्ली. Budget 2022 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल यानि 1 फ़रवरी को देश का आम बजट पेश करते हुए डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र किया था . इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी घोषणा की थी कि अब लोगों को क्रिप्टोकरेंसी पर होने वाली आय पर 30 फीसदी […]
नई दिल्ली. Budget 2022 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल यानि 1 फ़रवरी को देश का आम बजट पेश करते हुए डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र किया था . इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी घोषणा की थी कि अब लोगों को क्रिप्टोकरेंसी पर होने वाली आय पर 30 फीसदी कर देना होगा। वित्त मंत्री ने डिजिटल करेंसी का भी ऐलान किया, उन्होंने कहा कि RBI जल्द अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगी। सरकार के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर कर का प्रवधान का ऐलान करने के बाद बहुत से लोग इस बात से घबराए हुए है कि क्या सीबीडीसी (Central Bank Digital Currency (CBDC) पर भी कर लगेगा, क्योकि ज्यादातर लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे है.
हलाकि बजट के पेश होने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को साफ किया क्रिप्टोकरेंसी (उन्होंने सिर्फ क्रिप्टो ही बोला था, इसके आगे करेंसी नहीं जोड़ा था) कोई करेंसी नहीं है। करेंसी वो होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है, जिसे वह इस साल जारी करेगा।
डिजिटल करेंसी सरकार द्वारा लागू की गई करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जबकि क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित है. क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल करेंसी कहलाती है जबकि डिजिटल करेंसी कोई डिजिटल सम्पति नहीं है. कोरोना महामारी के बाद बहुत से लोगों ने डिजिटल वॉलेट का उपयोग करना शुरू किया, जिसमें डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी, दोनों हो सकते हैं लेकिन यह दोनों वास्तव में एक दूसरे से अदली-बदली नहीं जा सकती हैं।
डिजिटल करेंसी मौजूदा पेपर मनी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है. यह कॉन्टैक्टलेस पेमेंट की तरह इस्तेमाल की जा सकती है, जैसे आप किसी से कोई सामन खरीदते है, तो उसे आप पैसे दने के बजाय सीधे डिजिटल करेंसी उसके अकाउंट में ट्रांसफर करते है. इसे डिजिटल करेंसी कहा जाता है. जबकि क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोक्यूरेंसी निजी स्वामित्व में हैं और इन्हें उन्नत ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। इसे सरकार द्वारा रेगुलेट नहीं किया जाता जबकि डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक द्वारा नियमित होती है.
डिजिटल करेंसी को एन्क्रिप्शन की आवश्यकता नहीं है, हलाकि इसे हैकिंग से बचाने के लिए हम सभी को स्ट्रांग पासवर्ड और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ इसे रखना चाहिए। वहीँ क्रिप्टोकरेंसी को मजबूत एन्क्रिप्शन द्वारा संरक्षित किया जाता है, जिससे इसे ट्रैक कर पाना मुश्किल होता है.