नई दिल्ली: देश में आज से जो दूसरा सबसे बड़ा बदलाव हुआ है वो ये है कि देशभर में अब बर्थ सर्टिफिकेट सिंगल डॉक्युमेंट बन गया है. इसका अर्थ यह है कि अन्य किसी डॉक्युमेंट की जगह पर बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये ठीक उसी तरह से मान्य होगा जैसे की आधार […]
नई दिल्ली: देश में आज से जो दूसरा सबसे बड़ा बदलाव हुआ है वो ये है कि देशभर में अब बर्थ सर्टिफिकेट सिंगल डॉक्युमेंट बन गया है. इसका अर्थ यह है कि अन्य किसी डॉक्युमेंट की जगह पर बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये ठीक उसी तरह से मान्य होगा जैसे की आधार कार्ड होता है. दरअसल बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1 अक्टूबर 2023 से लागू हो गया है. अब बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किसी भी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में एडमिशन लेने के लिए, वोटर लिस्ट, आधार नंबर, मैरिज रजिस्ट्रेशन, नया ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू करने और सरकारी नौकरी में नियुक्ति की तैयारी के लिए सिंगल डॉक्युमेंट के रूप में किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि बर्थ सर्टिफिकेट में बच्चे के जन्म की तारीख, लिंग, जन्म स्थान और अन्य जरूरी जानकारी के अलावा माता-पिता का नाम भी दर्ज होता है. इससे बच्चे की पहचान के साथ पैरेंट्स की जानकारी भी मिलती है. अगर आधार है तो भी बर्थ सर्टिफिकेट की आवश्यकता होगा।
बता दें कि घर या अस्पताल में बच्चे का जन्म होने पर आवेदन के लिए यह नियम है कि बच्चे अगर अस्पताल में जन्म लेते है तो उस जोन कार्यालय में आवेदन करना होगा जिसके अंतर्गत अस्पताल आता है. वहीं बच्चे का जन्म घर पर हुआ है तो जिस जोन में मकान है वहां आवेदन करना होगा।
केंद्र सरकार बनाएगी LGBTQIA+ समुदाय के लिए समिति, जानिए किसकी होगी अध्यक्षता
सेना की महिला अधिकारी अब चलाएगीं तोप और रॉकेट,आर्टिलरी रेजीमेंट में पहले बैच को मिला कमीशन