नई दिल्ली. बिलकिस बानो मामला एक बार फिर गरमा गया है, दरअसल इस मामले में 11 दोषियों की रिहाई के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए मंगलवार को अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि सभी दोषियों को फिर से जेल भेजा जाए. गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कैदियों की रिहाई के समर्थन में हलफनामा दिया था, इस हलफनामे में गुजरात सरकार ने कहा कि कैदियों की रिहाई में पूरी तरह न्यायिक प्रक्रिया का पालन किया गया है.
याचिकाकर्ता सुभाषिनी अली और अन्य लोगों की तरफ से पेश हुए कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच से कहा, ”मेरा मानना है कि सभी दोषियों को जेल में होना चाहिए.” बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के हलफनामे के बाद याचिकाकर्ताओं को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया है और इस मामले की सुनवाई को 29 अक्टूबर तक टाल दिया है.
इस हलफ़नामे में गुजरात सरकार ने 11 दोषियों को रिहा करने को लेकर अपने फैसले का बचाव किया है और कहा है कि सभी दोषियों ने 14 साल या इससे ज्यादा समय जेल में बिताया और उनके अच्छे व्यवहार को देखते हुए उन्हें जेल से रिहाई दे दी गई है, साथ ही ये फ़ैसला केंद्र सरकार की सहमति के बाद लिया गया था और इस फैसले में पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया का पालन किया गया था.
“3 मार्च 2002”, बाकी दुनिया के लिए भले ही ये दिन आम रहा हो लेकिन इस दिन बिलकिस बानो का पूरा जीवन तबाह हो गया. बात उस समय की है जब बिलकिस के गर्भ में पांच महीने के पल रहे बच्चे के स्वागत के लिए उनका परिवार तैयारियों में जुटा हुआ था, लेकिन इन खुशियों के आने से पहले ही गुजरात में हुए दंगों में सब तबाह हो गया. दंगाईयों की भीड़ बिलकिस के घर में घुसी और निर्ममता से उसकी आंखों के सामने पूरे परिवार को खत्म कर दिया, लेकिन दंगाई यहाँ भी नहीं रुके बल्कि उन्होंने बिलकिस के साथ हैवानियत भी की. बिलकिस के साथ गैंगरेप किया गया. उसके साथ इतनी बदसलूकी की गई गई कि वह दर्द से तड़पकर बेहोश हो गई और जब बिलकिस को होश आया तो उन्होंने न्याय के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. लंबी लड़ाई के बाद उसके दोषियों को उम्रकैद की सज़ा हुई लेकिन अब बिलकिस के दोषियों को गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया है. इससे एक बार फिर बिलकिस बानो केस चर्चा में आ गया है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जहाँ गुजरात सरकार के हलफनामे में केंद्र सरकार की सहमति का ज़िक्र आने के बाद इस मामले पर एक बार फिर राजनीति गरमा गई है, जिसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं और कहा कि सरकार बलात्कारियों का साथ दे रही है. हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट में कहीं पर भी बिलकिस बानो का नाम नहीं लिया.
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