नई दिल्ली : गुजरात को गोधरा दंगों से शुरू हुआ बिलकिस बानो रेप केस एक बार फिर चर्चा में आ गया है. दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को लेकर अब पीड़िता बिलकिस बानो सुप्रीम कोर्ट अपनी न्याय की लड़ाई लड़ने पहुँच गई हैं. बता दें, ये मामला 3 मार्च 2002 गोधरा दंगों से जुड़ा हुआ है. जहां 11 दंगाइयों द्वारा बिलकिस बानो के साथ घर में घुसकर गैंगरेप किया गया और उसके कई परिवार जनों को मौत के घाट उतार दिया गया था.
लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने साल 2008 में सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. लेकिन गुजरात सरकार के आदेश के बाद सभी कैदियों की सजा माफ़ करते हुए उन्हें बीते दिनों रिहा कर दिया गया. इस रिहाई पर फिर बिलकिस बानो का केस सामने आ गया है. जिसको लेकर पीड़िता ने फिर सुप्रीम कोर्ट के आगे न्याय की गुजार लगाई है.
बिलकिस बानो की इस गुहार पर मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और वकील अपर्णा भट की दलीलों पर ध्यान दिया है.अदालत याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हो गई है.
3 मार्च 2002 बाकी दुनिया के लिए भले ही ये तारीख आम रही हो मगर इस दिन बिलकिस बानो का पूरा जीवन तबाह हो गया. बात उस समय की है जब बिलकिस के गर्भ में पांच महीने के पल रहे बच्चे के स्वागत के लिए उनका परिवार तैयारीयों में जुटा हुआ था. लेकिन इन खुशियों के आने से पहले ही गुजरात में हुए दंगों में सब तबाह हो गया. दंगाईयों की भीड़ बिलकिस के घर में घुसी और निर्ममता से उसकी आंखों के सामने पूरे परिवार को खत्म कर दिया.
दंगाईयों की दहशत यहां तक नहीं रुकी उन्होंने बिलकिस के साथ हैवानियत भी की. बिलकिस के साथ गैंगरेप किया गया. वह दर्द से तड़पकर बेहोश हो गई और जब बिलकिस को होश आया तो उन्होंने न्याय के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। लंबी लड़ाई के बाद उसके दोषियों को उम्रकैद हुई लेकिन अब उन्हें गुजरात सरकार ने उन सभी दोषियों को रिहा कर दिया है. इससे एक बार फिर बिलकिस बानो केस चर्चा में आ गया है.
15 साल से अधिक जेल की सजा काटने के बाद बिलकिस बानो केस के सभी दोषियों को रिहा कर दिया गया है. बता दें, बिलकिस केस के दोषियों ने समय से पहले रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को दोषियों की सजा माफ करने के मुद्दे पर गौर करने का निर्देश दिया था. इस
केस के लिए गुजरात सरकार ने एक समिति गठित की थी. अब पैनल की जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों को 15 अगस्त के दिन रिहा कर दिया गया है.
पैनल की अध्यक्षता करने वाली पंचमहल की कलेक्टर सुजल मायात्रा ने बताया, ‘कुछ महीने पहले गुजरात सरकार द्वारा गठित समिति ने मामले के सभी 11 दोषियों की छूट के पक्ष में सर्वसम्मति से निर्णय लिया था. मामले में राज्य सरकार को सिफारिश भेजी गई थी जिसपर फैसला लेते हुए स्वतंत्रता दिवस पर दोषियों को रिहा कर दिया गया है.’
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