Bihar: आ गया उस फ़र्ज़ी वीडियो का सच, साजिश का मास्टरमाइंड यूट्यूबर मनीष

नई दिल्ली: तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई का मामला काफी दिनों से गरमाया हुआ है। अब इसी मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में कहा जा रहा है कि वहाँ हिंदी बोलने वालों को पीटा जा रहा है. वह वीडियो फर्जी […]

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Bihar: आ गया उस फ़र्ज़ी वीडियो का सच, साजिश का मास्टरमाइंड यूट्यूबर मनीष

Amisha Singh

  • March 11, 2023 7:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई का मामला काफी दिनों से गरमाया हुआ है। अब इसी मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में कहा जा रहा है कि वहाँ हिंदी बोलने वालों को पीटा जा रहा है. वह वीडियो फर्जी था। आपको बता दें, वायरल वीडियो को पूरी-पूरी प्लानिंग के साथ राजधानी पटना में शूट किया गया था। इसके लिए बाकायदा एक मकान किराए पर लिया गया, फिर दवाई की दुकान से रुई की पट्टी, हैंडी प्लास्टिक, पट्टियाँ, लाल रंग की दवाइयाँ खरीदीं।

आपको बता दें, इस मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने 5 तारीख को यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ FIR भी दर्ज की थी। FIR के बाद मनीष कश्यप फरार हो गया। उसके साथ एक अन्य आरोपी युवराज सिंह राजपूत भी फरार बताया जा रहा है। जबकि प्रयास न्यूज के राकेश तिवारी और अमन कुमार पुलिस हिरासत में हैं।

वीडियो बंगाली टोला में रिकॉर्ड किया गया

इस मामले पर एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक BNR न्यूज ने एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में तमिलनाडु में बिहारी और हिंदी भाषी लोगों के साथ संघर्ष पर चर्चा की गई है। EOU ने गोपालगंज BNR न्यूज के राकेश रंजन कुमार सिंह को गिरफ्तार किया और पूछताछ में पता चला कि वायरल वीडियो 5 मार्च 2023 को पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र के बंगाली टोला में पूरे शेड्यूल के साथ शूट किया गया था। वीडियो में कार्यकर्ता का किरदार जनता प्लस न्यूज के मालिक अनिल कुमार यादव और आदित्य कुमार ने निभाया है। आपको बता दें, अनिल यादव देवघर में रहता है।

 

मनीष कश्यप ने प्रेरित किया

EOU के मुताबिक राकेश रंजन कुमार सिंह मनीष कश्यप से उन वीडियो को बनाने के लिए प्रेरित हुए थे। ईओयू की तरह इसके पीछे का मकसद इसका विज्ञापन करना और ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना था। उधर, बिहार सरकार की ओर से तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले के मामले की जाँच करने गये चार अधिकारियों की टीम ने भी पटना में कहा कि तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वायरल हो रहे वीडियो भ्रामक हैं।”

 

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