बक्सर। बिहार के बक्सर में चल रहे किसान आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की एंट्री हो गई है। टिकैत सोमवार को बक्सर जिले के चौसा पहुंचे। उन्होंने पीड़ित किसान परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि बक्सर के किसानों की इस लड़ाई को हम दिल्ली तक […]
बक्सर। बिहार के बक्सर में चल रहे किसान आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की एंट्री हो गई है। टिकैत सोमवार को बक्सर जिले के चौसा पहुंचे। उन्होंने पीड़ित किसान परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि बक्सर के किसानों की इस लड़ाई को हम दिल्ली तक लड़ेंगे। टिकैत ने किसानों से कहा कि 26 जनवरी को झंडा फहराएं और ट्रैक्टर मार्च भी निकाले।
राकेश टिकैत ने कहा कि बक्सर और बलिया की धरती हमेशा आंदोलन की धरती रही है। अगर किसानों को सही मुआवजा नहीं मिलेगा तो यहा आंदोलन बहुत बड़ा रूप लेगा। सरकार को किसानों को सही मुआवजा देना ही पड़ेगा। इसके साथ ही बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि जब तक लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं होता, तब तक कोई भी आंदोलन नहीं खड़ा होता है। किसी भी आंदोलन को खड़ा करने के लिए शहादत देनी ही पड़ती है और चौसा में इसकी शुरुआत हो गई है।
बता दें कि चौसा के किसानों को बिना नोटिस और मुआवजा दिए ही कंपनी के द्वारा रेल कॉरिडोर और पाइप लाइन के लिए चिन्हित भूमि पर काम शुरू कर दिया गया। इसकी वजह से प्रशासन और किसानों में टकराव की स्थिति पैदा हो गई। किसानों का आरोप है कि उन्हें चुप कराने के लिए प्रशासन ने आधी रात को घर में घुसकर परिवार वालों पर अत्याचार किया है। चौसा के प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के बैनर तले आठ मांगों को लेकर बनारपुर पंचायत भवन पर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं।
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