नई दिल्लीः बिहार में महागठबंधन की तीनों पार्टियां कांग्रेस, राजद और सीपीआई के बीच सीट बंटवारा हो गया है। राजद के खाते में 27 सीटें, कांग्रेस को 9 सीटें और सीपीआई को 5 सीटें दी गई है। इसी बीच एक बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस बार मसला पूर्णिया सीट को लेकर हो गया है। […]
नई दिल्लीः बिहार में महागठबंधन की तीनों पार्टियां कांग्रेस, राजद और सीपीआई के बीच सीट बंटवारा हो गया है। राजद के खाते में 27 सीटें, कांग्रेस को 9 सीटें और सीपीआई को 5 सीटें दी गई है। इसी बीच एक बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस बार मसला पूर्णिया सीट को लेकर हो गया है। दरअसल पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में किया था और उनको भरोसा था कि पूर्णिया सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा लेकिन इसी बीच लालू यादव ने खेला कर दिया। लालू यादव ने अपनी पार्टी से बीमा भारती को टिकट दे दिया जिसके बाद पप्पू यादव का पूर्णिया से चुनाव लड़ने का सपना टूट गया।
बता दें कि पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस के साथ किया था जिसके बाद उनको पूरा भरोसा था कि पूर्णिया सीट से उनको मौका मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और लालू प्रसाद ने उस सीट से बीमा भारती को टिकट दे दिया। जिसके बाद पप्पू यादव ने अपना बयान जारी करते हुए कहा था कि पूर्णिया हमरा घर जैसा है। हम यहां से नहीं लड़ेंगे तो कहीं से नहीं लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा था कि पूर्णिया से कांग्रेस का झंडा लहराएंगे।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार को सीपीआई ने उनके गृह जिला बेगूसराय सीट से उम्मीदवार बनाया था और उनके सामने भाजपा के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह थे। हालांकि उस चुनाव में कन्हैया कुमार को गिरिराज सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वहीं इस बार महागठबंधन में सीट शेयरिंग के बाद बेगूसराय सीपीआई के खाते में गई है। लिहाजा अब कन्हैया कुमार कांग्रेस में है। ऐसा में उनका इस सीट से चुनाव लड़ना मुश्किल है।