नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख बिहार का राजनीतिक पारा गर्म हो गया है। बिहार के सियासी हालात पर एनडीए से लेकर इंडिया गठबंधन की नजरें बनी हुई है लेकिन इन सबके बीच नीतीश कुमार अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। वहीं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बयान से लगातार कयासों का […]
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख बिहार का राजनीतिक पारा गर्म हो गया है। बिहार के सियासी हालात पर एनडीए से लेकर इंडिया गठबंधन की नजरें बनी हुई है लेकिन इन सबके बीच नीतीश कुमार अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। वहीं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बयान से लगातार कयासों का बाजार गर्म होता जा रहा है कि क्या नीतीश कुमार मारेंगे पलटी ? हालांकि कुछ दिन पहले नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने अमीत शाह के बयान पर कहा था कि हमने अभी भाजपा के सामने कोई प्रस्ताव नहीं रखा है।
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बयान से राजनीतिक हालात बदल गए है। ऐसा इसलिए क्योंकि मांझी ने एक्स पर लिखा बंगला में कहते है खेला होबे, मगही में कहते है खेला होकतो, भोजपुरी में कहते है खेला होखी। बाकि तो आप खुद समझदार है। इसके अलावा कुछ दिन पहले भी उन्होंने कहा था कि दिल्ली में रहने के बावजूद बिहार के राजनीतिक हालात पर मेरी नजर बनी हुई है। मैंने अपने सभी विधायकों को 25 जनवरी तक पटना में रहने का आदेश दिया है। जो भी होगा राज्यहित में होगा।
बिहार की राजनीति पर सबका ध्यान इसलिए है क्योंकि मंगलवार यानी 23 जनवरी की सुबह नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलने गए थे। हालांकि खबर ये आई की ये मुलाकात बजट सत्र को लेकर था। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि राजनीति जो और तो से नहीं चलता है। अगर नीतीश कुमार के तरफ से प्रस्ताव आएगा तो विचार किया जाएगा। उसके बाद बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा था कि अगर वो एनडीए में आना चाहते हैं तो उन्हें भाजपा की सदस्यता लेनी होगी।
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