नई दिल्लीः बिहार की राजनीति किस करवट बैठेगी कहना मुश्किल है क्योंकि एक तरफ नीतीश कुमार भाजपा के साथ जाने के लिए अग्रसर है तो दूसरी तरफ आरजेडी से तेजस्वी यादव भी दम भर रहे है कि पाला आसानी से नहीं बदलने देंगे। वहीं इस वक्त राज्य के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पांचों […]
नई दिल्लीः बिहार की राजनीति किस करवट बैठेगी कहना मुश्किल है क्योंकि एक तरफ नीतीश कुमार भाजपा के साथ जाने के लिए अग्रसर है तो दूसरी तरफ आरजेडी से तेजस्वी यादव भी दम भर रहे है कि पाला आसानी से नहीं बदलने देंगे। वहीं इस वक्त राज्य के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पांचों अंगुली घी में है क्योंकि उनको ना सिर्फ बीजेपी बल्कि जदयू और कांग्रेस भी साधने में जुटी है। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया वह जहां पीएम मोदी रहेंगे, वहीं हम भी रहेंगे यानी वो एनडीए छोड़ने के मूड में नहीं है।
सूत्रों के अनुसार, खबर सामने आई है कि थोड़ी ही देर पहले पीएम मोदी के साथ रहने का दावा करने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने घंटे भर के भीतर मोल-भाव करना और शर्तें रखना शुरू कर दिया है। मांझी के चार विधायक हैं और उन्होंने 2 मंत्री पद मांगी हैं। उन्होंने कहा है कि नई सरकार में दो मंत्री हम के होने चाहिए।
मांझी की पार्टी हम ने शनिवार को विधायक दल की बैठक की। बैठक खत्म होने के बाद सामने आया था कि मांझी एनडीए के साथ ही हैं। मांझी की ओर से दो टूक कहा गया था कि जहां पीएम मोदी, वहां हम है। उनके इस बयान से जहां तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है तो वहीं, राहुल गांधी के भी अरमानों पर पानी फिर गया।
बिहार में पल-पल बदलते सियासी समीकरण सामने आने के बाद सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के मुखिया जीतन राम मांझी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फोन पर बातचीत की थी। राहुल ने जीतन राम मांझी को इंडिया गठबंधन में आने का न्योता दिया गया था। सूत्रों की मानें तो भूपेश बघेल भी मांझी से मुलाकात कर सकते हैं।
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