नई दिल्लीः बिहार में राजनीतिक उठापटक जारी है। कुछ दिन पहले तक जदयू और राजद में दोस्ती थी। वहीं आज दोनों में 36 का आंकड़ा है। जहां एक तरफ नीतीश कुमार आरजेडी के साथ गठबंधन छोड़कर एनडीए में जाने के लिए तैयार है तो वहीं, बिहार के अन्य दलों के बीच भी हलचल जारी है। […]
नई दिल्लीः बिहार में राजनीतिक उठापटक जारी है। कुछ दिन पहले तक जदयू और राजद में दोस्ती थी। वहीं आज दोनों में 36 का आंकड़ा है। जहां एक तरफ नीतीश कुमार आरजेडी के साथ गठबंधन छोड़कर एनडीए में जाने के लिए तैयार है तो वहीं, बिहार के अन्य दलों के बीच भी हलचल जारी है। इसी में एक नाम चिराग पासवान का भी है। चिराग पासवान खेमे के सूत्र बताते हैं कि नीतीश की एनडीए में वापसी पर उनकी अलग ही चिंताएं हैं कि बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की नीति पर एलजेपी (रामविलास पासवान) काम करना चाहती है।
भाजपा एक बड़ा दल है लेकिन उसे बिहार के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर काम करना चाहिए। पासवान पार्टी चाहती है कि उनकी सीटें कम न हों। 2020 में 6+1 वाला पुराना फार्मूला है, जिस पर पार्टी सख्त रहेगी। चिराग ने कहा है कि अगर बात नहीं बनी तो बिहार में 23 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। तेजस्वी से बातचीत पर चिराग ने कहा कि, दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है लेकिन मैं बहुत स्पष्ट हूं कि मैं एनडीए गठबंधन में हूं, लेकिन रास्ते हमेशा खुले हैं।
28 को हो सकता है शपथ ग्रहण
सूत्रों के मुताबिक चिराग की आज या कल सुबह दिल्ली में जेपी नड्डा के साथ एक और दौर की बातचीत होने की संभावना है। भाजपा में दिल्ली आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद ही चिराग पटना जाएंगे। सूत्र का कहना है कि शपथ ग्रहण 28 जनवरी को होने की संभावना है। चिराग तभी जाएंगे जब उनकी पार्टी के लिए चीजें काली और सफेद होंगी।
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