पटना। बिहार में हुआ सियासी उलटफेर, जेडीयू-भाजपा गठबंधन की टूट और आरजेडी के साथ नई सरकार बनने के पीछे आखिर कौन है? इसको लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सब सवालों के बीच राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर सामने आए हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि इस […]
पटना। बिहार में हुआ सियासी उलटफेर, जेडीयू-भाजपा गठबंधन की टूट और आरजेडी के साथ नई सरकार बनने के पीछे आखिर कौन है? इसको लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सब सवालों के बीच राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर सामने आए हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि इस पूरे मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। वहीं, प्रशांत किशोर ने कहा है कि मैं आज जहां हूं, वहीं 2024 में भी रहूंगा। मैं पूरी तरह से संकल्पित हूं। दुनिया में क्या चल रहा है, मुझे उससे कोई मतलब नहीं है।
बता दें कि प्रशांत किशोर ने कहा कि, आने वाले समय में मोदी को चुनौती देने वाला चेहरा कौन है? इस पर मेरी कोई समझ नहीं है। हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा कि बिहार की घटना को राष्ट्रीय राजनीति से जोड़ना, जल्दबाजी होगी और नासमझी भी होगी।
वहीं, राजनीतिक रणनीतिकार पीके ने कहा कि, 2017 के बाद से नीतीश कुमार भाजपा के साथ गठबंधन में खुश नहीं दिख आ रहे थे। वैचारिक स्तर पर मतभेद थे। यह नीतीश कुमार को देखकर ही लग रहा था। उन्होंने आरजेडी के साथ गठबंधन के सवाल पर कहा कि, जब तक वह बिहार के लिए बेहतर कर रहे हैं। किससे समझौता कर रहे हैं, उसका महत्व नहीं है। उन्होंने कहा, आज जो गठबंधन बन रहा है, उसका एजेंडा क्या है? यह बात जनता के सामने रखनी चाहिए।
गौरतलब है कि पीके ने ये भी कहा कि, नीतीश कुमार ने 10 सालों में यह छठा प्रयोग किया है। ऐसे करने उन्हें घाटा हो रहा है। 115 विधायकों वाली जेडीयू अब 43 पर सिमट कर रह गई है। यह अलग बात है कि वह किसी तरह से सीएम बन जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि, नीतीश कुमार में कोई ग्रोथ नहीं दिख रही है। जनता अब उनके चेहरे पर वोट नहीं कर रही। वह पालाबदल कर आए हैं तो निश्चित तौर पर चुनाव पर उसका असर दिखेगा।
बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना