नई दिल्लीः बिहार के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने और परीक्षा नहीं देने वाले नियोजित शिक्षकों को पटना उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने नई शिक्षक नियमावली के नियम चार को रद्द कर दिया है। यानी अब सक्षमता परीक्षा पास करना जरुरी नहीं है। परीक्षा पास नहीं करने वाले और परीक्षा में शामिल नहीं वालों की नौकरी बरकरार रहेगी।
पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय विषय विशिष्ट शिक्षक नियमावली को चुनौती देने वाली एक दर्जन से अधिक अर्जी पर सुनवाई के बाद पिछले 15 मार्च को ही अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। इस फैसले को मंगलवार यानी 3 अप्रैल को सुनाया। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने 15 अर्जी की सुनवाई के बाद 88 पन्ने का आदेश जारी किए। कोर्ट ने बिहार में कार्यरत स्थानीय निकाश शिक्षकों के सक्षमता परीक्षा को सही ठहराया।
कोर्ट ने नई शिक्षक नियमावली 2023 को रद्द कर दिया है। नए नियम के तहत कहा था कि नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा और यह भी कहा गया था कि शिक्षको को पास करने के लिए पांच अवसर दिए जाएंगे। नौकरी समाप्त करने तक की बात भी कही गई थी लेकिन, अब कोर्ट ने इस नियम को ही रद्द कर दिया। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि निर्धारित उचित शर्तों के तहत प्रत्येक संवर्ग के लिए पदोन्नति पर विचार किया जाए।