नई दिल्लीः तेजस्वी यादव के बयान ने एक बार फिर विरोधियों को प्रहार करने का मौका दे दिया था। इस बार विरोधी तो विरोधी सरकार में सहयोगी जेडीयू के नेता भी प्रहार करने से पीछे नहीं हटे। बता दें कि जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्वी यादव पर प्रहार करते हुए कहा है कि अगर […]
नई दिल्लीः तेजस्वी यादव के बयान ने एक बार फिर विरोधियों को प्रहार करने का मौका दे दिया था। इस बार विरोधी तो विरोधी सरकार में सहयोगी जेडीयू के नेता भी प्रहार करने से पीछे नहीं हटे। बता दें कि जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्वी यादव पर प्रहार करते हुए कहा है कि अगर मंदिर पसंद नहीं को कोई बात नहीं। आप मंदिर को मानने वालों का अनादर मत किजिए।
इससे पहले जदयू विधान परिषद सदस्य गुलाम गौस ने दो कदम आगे बढ़कर कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध ठीक नहीं है। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम पक्ष भी अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए मिले जमीन को श्रद्धालुओं के विश्राम गृह के लिए दे देना चाहिए। बता दें कि गैस पहले राजद में थे। उस वक्त वे विधान परिषद में विरोधी दल के नेता थे।
जानकारी दे दें कि बीते बुधवार को तेजस्वी यादव मधुबनी गए थे। वहां एक कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा था कि भूख लगेगी तो मंदिर जाओगे ? खाना मिलेगा या नहीं ? वहां उल्टा दान मांग लेंगे। अगर पैर कट जाएगा तो मंदिर जाकर पंडित को दिखाइएगा कि अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाइएगा?
तेजस्वी यादव के बयान पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा था कि वो खुद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं और यहां के सरकारी अस्पताल की दशा क्या है किसी को कहने की जरुरत नहीं है। भाजपा मंदिर को लेकर सियासत नहीं कर रही है। यह तो धर्म का विषय है। लालू और तेजस्वी कब से गरीबों के हितैषी हो गए।